Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

यह विकट समय आया है, देख !

यह विकट समय आया है, देख !

पाखंड दंभ का लेश न हो जिसका बहुरूपिया  भेष न हो।
निष्ठा अखंड मानवता में रखे न जो उसका देश न हो।

जिसे उचित-अनुचित विचार न सूझता,                      
 जो मानवता का मूल्य न बूझता।
भयभीत  सभी  को  है करता                                                    
खुद को मानव का शुभचिंतक कहता।।

निर्माण नहीं प्रतिक्षण विनाश में                          
दिखलाता जो अपनी क्षमता।
उस पर विश्वास करना न सही,                             
यह है आत्मघाती ममता।।

घर- घर कटुता जो बांट रहा और खोज रहा अपना विकास।
मैं दावे से यह सच कहता निश्चित होगा उसका विनाश।।

पर सजग सचेत तू हो "विवेक" मत रहो विभक्त हो जाओ एक।
अब भेद-भाव का वक्त नहीं,                          
यह समय  विकट आया है, देख।। 
     डॉक्टर विवेकानंद मिश्र डॉक्टर विवेकानंद पथ, गोल बगीचा गया बिहार दिनांक 13 नवंबर 2021
दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ