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ठोस कचरा प्रबंधन शुल्क को लेकर पटना जिला सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर के द्वारा दायर जनहित याचिका C.W.J.CN0.8503/2021 पर सुनवाई प्रारम्भ |

ठोस कचरा प्रबंधन शुल्क को लेकर पटना जिला सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर के द्वारा दायर जनहित याचिका  C.W.J.CN0.8503/2021 पर सुनवाई प्रारम्भ | 


ठोस कचरा प्रबंधन शुल्क को लेकर पटना जिला सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर ने 28-9-2020 को पटना नगर निगम के कार्यकारी आदेश के खिलाफ पटना उच्चन्यायालय में जनहित याचिका दायर किया था। जिसे माननीय मुख्य न्यायाधीश व माननीय न्यायाधीश एस0कुमार साहब द्वारा दिनांक 19-07-2021को C.W.J.CN0.8503/2021को सुना गया। 

माननीय न्यायालय ने अपना कोई मंतव्य दिये बगैर आयुक्त, पटना नगर निगम के यहाँ अभ्यावेदन देने का सुधार समिति को आदेश दिया। आदेश का अनुपालन करते हुए पटना जिला सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर ने आयुक्त, पटना नगर निगम को आवेदन दिया है। जिसका न्यायालय के आदेश के तहत सुनवाई करते हुए आवेदक को उन्हें तीन माह के अन्दर जबाब देना है।

पटना नगर निगम के आयुक्त को दिए गए आवेदन में सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर ने कहा है कि निगम होल्डिंग टैक्स में पूर्व से ही जलकर, मलकर,स्वास्थ्यकर, सफाई कर आदि ले रहा है। अब निगम प्राईवेट एजेन्सी को नियुक्त कर ठोस कचरा उठाव कर अलग से वसूल रही है जबकि निगमकर्मी अब भी कूड़ा उठाकर ले जाते हैं फिर प्राईवेट एजेन्सी के द्वारा कार्य करा कर जनता पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ दिया जा रहा है। 

राज्य सरकार कोरोना काल में सुविधा देने की बात करती है मगर सुविधा नदारद है। उलटे  वसूली जबरन की जा रही है। कार्यकारी आदेश के पूर्व काल के अवधि की भी वसूली होल्डिंग टैक्स के साथ की जा रही है जबकि एजेन्सी ने उस समय काम भी नहीं किया था। 

पटना जिला सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर द्वारा आयुक्त, पटना नगर निगम को पटना उच्चन्यायालय के आदेश के तहत दिये गये आवेदन में कहा है कि यह कार्यकारी आदेश इस कानून की अवहेलना कर रही है जो पटना म्युनिसिपल एक्ट 1951 के सेक्शन 123 में है, जो यह कहती है कि निगम राज्य सरकार की पूर्व अनुमति से निम्नलिखित टैक्स लागू कर सकती है:-
1 -होल्डिंग के अनुसार सालाना जलकर लगा सकती है। 
2 -होल्डिंग के अनुसार सालाना मलकर लगा सकती है।
3 -होल्डिंग के अनुसार सालाना प्रकाश कर लगा सकती है। 
4 -होल्डिंग के अनुसार सालाना नाली कर लगा सकती है।
5 -वाहन कर इत्यादि। 
6 -गाड़ी बैल गाड़ी कर ।
        लेकिन वर्तमान परिस्थिति में इस तरह का कोई कर कारण के मुताबिक नहीं है। 
होल्डिंग के निर्धारण में भी फार्म से लेकर कर निर्धारण में भी मनमाना पैसा वसूला जा रहा है। 
राकेश कपूर ने आवेदनपत्र कहा है कि पटना सिटी के कई इलाकों में 60 वर्ष पूर्व के ही पाईपों से आज भी पानी की आपूर्ति  होती है जिसमें मिट्टी, गंदगी तो कभी-कभी नाला के पानी की भी मिलावट रहती है। मगर अब जलकर की भी वसूली अलग से होगी।

सुधार समिति के महासचिव ने कहा कि मैंने पूर्व में दिये गए आवेदन में भी कहा था कि Executive Order Will Not Over ride Over the law मगर यहाँ सुनने वाला कौन है। इसके विपरीत रेट को मनमानी ढंग से रिवाईज कर ज्यादा से ज्यादा वसूली की जा रही है ताकि महापौर, उप महापौर व पार्षदों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा दी जाए। अब सेवा भावना गायब हो चुकी है उसकी जगह कमाई ने ले ली है। इस राज्य की जनता को आधारभूत जरूरी सुविधा भी सरकार उपलब्ध कराने में नाकाम है। वो दिन दूर नहीं जब जनता को सांस लेने के लिए भी कर देना होगा। 

म्यूटेशन के फार्म 1₹ में मिल सकता है मगर वसूली 100₹ की जाती है। म्यूटेशन फीस 1000₹ प्रति वर्ग फीट ली जा रही है। एक ओर जनता कोविड के चलते बेरोजगार हो गई है मगर उन्हें कहीं से भी टैक्स जमा करने के लिए लिए कूड़ा कर भी जुगाड़ करना पड़ेगा नहीं तो रसीद नहीं कटेगी, इसके लिए उन्हें भूखा क्यों नहीं सोना पड़े। निगम द्वारा मच्छरों के लिए फांगिग, नाली का शिल्ट, पुरानी पाईप को बदलने की कोई योजना नहीं है मगर टैक्स रोज बढ़ना चाहिए। कोर्ट के बार बार आदेश  देने के बावजूद बेंडिग जोन आजतक नहीं बना।

निगम आयुक्त को लिखे पत्र में कहा गया है कि महापौर के द्वारा निगम की सशक्त कमिटी में कुछ आदेश पारित करवा लिया जाता है, चाहे कानून संगत हो या नहीं और आपके द्वारा अक्षरशः पालन किया जाता है, चाहे जनता के मौलिक अधिकारों का हनन ही क्यों न हो। 

पटना जिला सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर ने निगम आयुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि माननीय उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में सर्वोच्च न्यायालय के कई आदेशों का उल्लेख करते हुए आपको आदेश दिया है मुझे मौका देने के पश्चात तीन महीने के अन्दर कानून संगत मुखर आदेश पारित करें।
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