विकास का माध्यम साक्षरता
जहानाबाद । सामाजिक चेतना की जगृति करने में साक्षरता मूल है । सच्चिदानंद शिक्षा एवं समाज कल्याण संस्थान की ओर से आयोजित अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर साक्षरता संगोष्टी में जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि राष्ट्र और मानव चेतना के विकास का माध्यम साक्षरता है । 8 सितंबर 1966 में प्रथम बार व्यक्तिगत, सामुदायिक और सामाजिक रूप से साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डालने के लिए साक्षरता दिवस मनाया गया है । संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी सदस्य देश द्वारा ८ सितम्बर कोअंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है ।७७.५ करोड़ युवा साक्षरता की कमी से प्रभावित हैं;। ६.७ करोड़ बच्चे विद्यालयों तक नहीं पहुँचते और बहुत बच्चों में नियमितता का अभाव के कारण बीच में छोड़ देते हैं। साक्षरता दिवस की थीम “मानव-केंद्रित पुनर्प्राप्ति के लिए साक्षरता: डिजिटल विभाजन को कम करना” है। भारत का सर्व शिक्षा अभियान से समाज में साक्षरता दर का विकास हुआ हैं। विश्व के सभी देशों में समाज के हर वर्ग तक शिक्षा के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से इस दिन की शुरुआत की गई। यूनेस्को ने 7 नवम्बर 1965 में प्रथम बार अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस व वर्ल्ड लिट्रेसी डे मनाने का फैसला लिया ।यूनेस्को के निर्णय के अगले ही साल यानि 1966 में प्रथम बार साक्षरता दिवस मनाना शुरू हुआ। राष्ट्र और मानव विकास के लिए समाज के हर वर्ग के लोगों के लिए उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जानना महत्वपूर्ण है । लोगों को शिक्षा की ओर प्रेरित करने के लक्ष्य के तहत साक्षरता दिवस मनाया जाता है। विश्व के तमाम देश वयस्क शिक्षा और साक्षरता की दर को बढ़ाने के लिए इस दिन को खासतौर पर मनाते हैं ।भारत में 2011 के जनगणना के अनुसार साक्षरता दर 74.04 है जबकि 1947 में मात्र 18 % थी। महिलाओं में कम साक्षरता का कारण परिवार और आबादी की जानकारी कमी है। भारत में 6-14 साल के आयु वर्ग के प्रत्येक बालक और बालिका को स्कूल में मुफ़्त शिक्षा (का अधिकार है। 40%से अधिक बालिकायें 10 वीं कक्षा के उपरांत स्कूल त्याग देती है । भारत में संसार की सबसे अधिक अनपढ़ जनसंख्या निवास करती है।6-14 साल के आयु वर्ग के प्रत्येक बालक और बालिका को स्कूल में मुफ़्त शिक्षा का अधिकार है। 40%से अधिक बालिकायें 10 वीं कक्षा के उपरांत स्कूल त्याग देती है । वेवसाइट वॉर्डों मीटर के अनुसार भारत की जनसंख्या 2021 में 139 करोड़ और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या के अनुसार 121 करोड़ कहा गया है । राष्ट्रीय सांख्यिकी के अनुसार भारत में साक्षरता 77.7 प्रतिशत है । विश्व साक्षरता दर 84 प्रतिशत वही भारत की 87.7 प्रतिशत साक्षरता दर है ।बिहार में साक्षरता दर 63. 8 प्रतिशत में पुरुष 71.2 प्रतिशत और महिला का साक्षरता दर 51 .8 प्रतिशत है । जहानाबाद जिले में 66.8 और अरवल जिले में 67.43 प्रतिशत साक्षरता दर है । साक्षरता से राष्ट्र और समाज का विकास संभव है । साक्षरता से राष्ट्र और समाज का विकास संभव है । इस अवसर पर संस्थान के कार्यक्रम पदाधिकारी पप्पू कुमार , उर्वशी , प्रियंका , जिला कृषक संगठन जहानाबाद के अध्यक्ष कामेश्वर सिंह , संबिधान शिक्षा केन्द्र कल्पा के संस्थापक सह निदेशक रामलखन चौधरी आदि ने साक्षरता के महत्व पर अपने अपने विचार व्यक्त किये ।
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