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बिहार राज्य बार कौंसिल के खिलाफ एक याचिका दायर

बिहार राज्य बार कौंसिल के खिलाफ एक याचिका दायर

हमारे संवाददाता लक्ष्मण पाण्डेय की खास खबर |

बिहार राज्य बार काउंसिल की सदस्य सुश्री शहनाज फातमा ने माननीय उच्च न्यायालय पटना में बिहार राज्य बार कौंसिल के खिलाफ एक याचिका दायर किया है शहनाज़ का आरोप है कि बार कौंसिल में हो रही अनियमिता, अधिवक्तओ के फण्ड का दुरूपयोग होने पर आवाज उठाने  एवं वकीलों के हित में मांग करने के कारण बार कौंसिल नें इन्हें आम सभा कि बैठक में शामिल होने तथा सभी  कमिटीयों कि बैठक से वंचित किया गया है जो असंवैधानिक एवं क़ानून का उलंघन है
क्योंकि बार कौंसिल को यह  अधिकार नहीं कि वह किसी इलेक्टेड मेंबर्स को कानून का उल्लंघन कर सारे समितियों से हटा सके क्योंकि सभी सदस्यों का पद एवं गरिमा सामान है सुश्री फातमा नें बताया कि 2 साल से लगातार वेंअधिवक्ताओं के हित में आवाज उठा रही हैं तथा उनकी आवाज को दबाने के लिए काउंसिल के सदस्यों द्वारा साजिश रच कर उन्हें समितियों से हटाया गया है ताकि काउंसिल में हो रही किसी भी मनमानी की जानकारी उनको ना हो सके और अधिवक्ताओं के हित में आवाज नहीं उठा सके इस प्रकार उन्हें  मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था ताकि वह  थक्कर स्वम रिजाइन दे दें सुश्री फातमा का आरोप है कि वर्ष 2006 से अब तक ऑडिट नहीं कराया गया एवं बार काउंसिल में हो रहे फंड के कई दुरुपयोग का इन्होंने कई पर्दाफाश किया है   बाथरूम की मरम्मत के नाम पर 17 लाख  रुपए का बिल बनाया जाता है, इलेक्शन के नाम पर सवा करोड़ का बिल पास होता है, वेलफेयर टिकट का अरबों -खरबों रुपए मेडिक्लेम डेथ -क्लेम  तक भुगतान में विलंब किया जाता है  और  टी ए,डी ए के नाम पर मेंबर नाजायज रुपए की उगाही करते हैं|
इस अनियमितता के  कारण सुश्री फातमा ने जब आवाज उठाया है तो मनन कुमार मिश्रा सहित  अध्यक्ष एवं बार काउंसिल के सभी सदस्य साजिश के तहत उनको हटाना चाहा |
अधिवक्ताओं के हित में आवाज उठाने एवं कुर्तियों का पर्दाफाश करने के कारण उनके साथ ऐसा बर्ताव कर उन्हें  डराया जा रहा है ताकि वह वकीलों के हित में आवाज नहीं उठा सके इसलिए शहनाज ने न्यायालय पर विश्वास रखकर माननीय  पटना उच्च  न्यायालय मैं एक याचिका दायर की है| 
वर्ष 2006 से अब तक की फॉरेंसिक ऑडिट कराने  कि मांग की है उन्होंने बार काउंसिल के अध्यक्ष सचिव सदस्य सहित  अध्यक्ष बार काउंसिल ऑफ इंडिया एवं नोटिस रिसीव करवा दी है तथा एक याचिका दायर की है 
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