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एक बार सोचो बस कर डालो

विद्यार्थियों के मनोबल बढ़ाने के लिए कविता  -

एक बार सोचो बस कर डालो


एक बार सोचो बस कर डालो
अपने आप को पल में बदल डालो ।।
वरना वक्त कम है, ये भी निकल जाएगा ।
दीप जो तुझमें जलता है वो भी बुझ जाएगा ।।

दिल की आग रग रग में डालो ।
अपने आप को जोश में डालो ।।
सोचते मत रहो कायरों की तरह
जो करना हो कर डालो ।।
क्योंकि ...
रोज रोज नहीं मिलते
अवसर यहां किसी को ।
जिंदगी एक सफ़र है
इसे तय कर डालो ।।
लेखक कवि - जितेन्द्र कानपुरी
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