
देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। रोज नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। अस्पतालों में संक्रमितों की भीड़ बढ़ रही है। बेड और दूसरे जरूरी यंत्रों की कमी महसूस होने लगी है। इस स्थिति को देखते हुए केंद्र ने राज्यों को गंभीर रूप संक्रमित मरीजों को ही अस्पताल भेजने का निर्देश दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 60 से अधिक और दूसरे गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति पर अधिक ध्यान देने को कहा है। हालांकि, बिहार में अभी तक ऐसी स्थिति नहीं आई है। राज्य सरकार केंद्रीय निर्देश आने से पहले ही संक्रमित मरीजों को डेडिकेटेड कोरोना अस्पताल में स्क्रीनिंग करके भर्ती करने का निर्णय ले चुकी है।
मेडिकल संसाधनों का अधिकतम उपयोग करें
केंद्र ने अपने निर्देश में कहा है कि राज्यों में मेडिकल सुविधा से संबंधित उपलब्ध संसाधनों को अधिकतम उपयोग करें। दरअसल, मंगलवार को कोरोना को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्यों की बीच बातचीत हुई थी। उसके बाद मंत्रालय ने यह निर्देश जारी किया और बेड, एंबुलेंस, आईसीयू और वेंटीलेटर के उपयोग में सकतर्कता बरतने को कहा गया। निर्देश में कहा गया है कि जिस रफ्तार से संक्रमित मरीज बढ़ रहे हैं, उससे आने वाले दिनों में अस्पतालों में आईसीयू और वेंटीलेटर की संख्या कम पड़ जाएगी।
बिहार में कोरोना अस्पताल में मरीजों की भर्ती की है अपनी नीति
बिहार में स्वास्थ्य निदेशक की अध्यक्षता में बनी समिति की अनुसंशा पर कोरोना डेडिकेटेड अस्पतालों में मरीजों की भर्ती होती है। जिला अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों की हालात को देखकर डॉक्टर मेल के बाद मरीज की सारी स्थिति के बारे में समिति को मेल करते हैं। समिति मरीज की गंभीरता को देखते हुए उन्हें कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल में भर्ती की अनुसंशा करती है।
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source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/the-center-also-adopted-bihars-model-asking-states-to-send-hospital-only-to-serious-patient-127395098.html
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