महिलाओं के बल पर होगा दहेज प्रथा का समापन: सार्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासंघ की संगोष्ठी में उठी आवाज


गया, बिहार।
सार्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासंघ, बिहार इकाई के तत्वावधान में रविवार को गया स्थित गोरक्षणी सभागार में "दहेज उन्मूलन और सामाजिक संस्कार" विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में देशभर से आए सैकड़ों प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
संगोष्ठी की अध्यक्षता महासंघ के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सतीश कुमार पांडेय ने की, जबकि संचालन राष्ट्रीय संगठन महामंत्री चंदन मिश्र ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व आईएएस अधिकारी नागेंद्र पाठक और उद्घाटनकर्ता के रूप में महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक उपाध्याय उपस्थित रहे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व न्यायाधीश देवेंद्र कुमार पाठक, झारखंड बाल संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य संजय मिश्रा, बिहार संज्ञा समिति अध्यक्ष देवेंद्र पाठक, और भास्कर समिति के संरक्षक चंद्रशेखर मिश्रा उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक विधि से
कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान सूर्य के पूजन, स्वस्तिवाचन और आदित्य हृदय स्तोत्र के पाठ से हुआ। तत्पश्चात अतिथियों ने सामूहिक दीप प्रज्वलन कर संगोष्ठी का विधिवत उद्घाटन किया।
दहेज नहीं, दिखावा है समस्या
वक्ताओं ने जोर देते हुए कहा कि दहेज प्रथा को समाप्त करने की दिशा में महिलाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि दहेज आज एक सामाजिक बुराई बन चुका है, लेकिन उससे बड़ी समस्या है दिखावा और आडंबर।
उन्होंने कहा कि विवाह को संस्कार के रूप में अपनाना होगा, न कि समारोह या प्रदर्शन के रूप में। जब तक हम दिखावे से दूर नहीं होंगे, दहेज जैसी कुप्रथा जीवित रहेगी।
संस्कृति की ओर लौटने का आह्वान
वक्ताओं ने पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव पर चिंता जताते हुए कहा कि समाज को फिर से अपनी संस्कृति और संस्कारों की ओर लौटना होगा। विवाह के वास्तविक अर्थ को समझने की जरूरत है, जिसमें धन नहीं, विचारों की समानता प्राथमिक होनी चाहिए।
संगठन की ताकत से होगा समाज का पुनर्निर्माण
महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक उपाध्याय ने संगठन की शक्ति पर बल देते हुए कहा कि महासंघ का उद्देश्य देशभर के शाकद्वीपीय ब्राह्मण समाज को एक सूत्र में जोड़ना है। उन्होंने बताया कि झारखंड के गिरिडीह जिले से शुरू हुआ यह आंदोलन अब 12 राज्यों में फैल चुका है।
देशभर से आए प्रतिनिधि
संगोष्ठी में विभिन्न राज्यों से प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी रही।
राजस्थान से कामिनी भोजक, उड़ीसा से शेखर आचार्य, झारखंड से राष्ट्रीय महासचिव कृष्ण आचार्य, राज्य अध्यक्ष मनोज मिश्र, शरद कुमार भक्त, शिवशंकर पाठक, विद्याभूषण मिश्रा उपस्थित रहे।
बिहार से प्रीति पाठक, बृजेश मिश्र, भोला मिश्र, चंद्रशेखर मिश्र, संजय पाठक, आचार्य अरुण शास्त्री, प्रमोद मिश्र, अभय मिश्रा, सच्चिदानंद प्रेमी, केदार पांडेय, मुकेश मिश्रा सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए। कार्यक्रम ने समाज में चेतना जगाने का कार्य किया और यह संदेश दिया कि यदि हम सब संगठित होकर दिखावे और दहेज का बहिष्कार करें, तो समाज में सकारात्मक परिवर्तन निश्चित है।
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