
चीन के सैनिकों के साथ लड़ाई में लद्दाख की गलवान घाटी में एलएसी पर भोजपुर के सैनिक चंदन कुमार शहीद हो गए। चंदन, बिहार रेजिमेंट-16 में सैनिक के पद पर तैनात थे और जगदीशपुर के ज्ञानपुरा गांव के निवासी थे। पिता हृदयानंद सिंह होमगार्ड केे रिटायर्ड जवान हैं। महज 23 वर्ष की उम्र में चंदन से देश के लिए शहादत की गाथा लिख दी। शहीद चंदन लगभग 2 वर्ष पहले में सेना में बहाल हुए थे। इसी वर्ष उनकी पोस्टिंग लद्दाख में हुई थी। शहीद चंदन कुमार अभी अविवाहित थे।
शहीद चंदन के शादी की तैयारियों के लिए परिवार के लोग जुटे हुए थे। उनकी शादी भोजपुर जिले के ही सुल्तानपुर गांव की एक युवती के साथ तय हुई थी। इसी वर्ष 4 मई को तिलक और 10 मई को शादी की तिथि रखी गई थी, लेकिन कोरोना संकट में लगे लॉकडाउन के कारण शादी की तिथि को आगे बढ़ा दिया गया था। परिवारवालों के अनुसार नवम्बर-दिसंबर में शादी की तिथि निर्धारित की जा रही थी। ज्ञानपुर के नाराज ग्रामीण चीन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। ज्ञानपुरा गांव स्थित शहीद के घर पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गयी।
पिता हृदयानंद सिंह को बेटे की शहादत पर गर्व है। वहीं मां धरमा देवी की चीत्कार से तो पूरा गांव गमगीन हो गया है। परिजनों ने कहा कि सरकार को इस शहादत की बदला चीन से लेना चाहिए। चंदन अपने घर ज्ञानपुरा अंतिम बार होली से पहले फरवरी में आए थे। जहां होली बीतने के तीन दिनों के बाद ही वापस ड्यूटी पर चले गए थे। वहीं चंदन के पिता हृदयानंद सिंह ने बताया कि कररीब एक सप्ताह पहले चंदन से बात हुई थी, लेकिन उसने बॉर्डर पर पनप रहे तनाव का जिक्र नहीं किया था। चचरे भाई ने बताया कि चंदन से दो दिनों से बात नहीं हो पा रही थी। बुधवार की सुबह उसके शहीद होने की सूचना मिली।
4 भाइयों में सबसे छोटे थे, परिवार में है देशभक्ति का जोश और जज्बा, तीन बड़े भाई भी हैं सेना में तैनात
शहीद चंदन 4 भाइयों में सबसे छोटे थे। पिता हृदयानंद सिंह होमगार्ड केे रिटायर्ड जवान हैं। परिवार में देशभक्ति व देशसेवा का जोश व जज्बा कूट-कूटकर भरा है। शहीद चंदन के साथ उनके एक भाई लद्दाख बॉर्डर पर ही पूूूरे दम के साथ देश की रक्षा में जुटे हैं। अन्य 2 भाई भी सेना में हैं। शहीद चंदन के तीनों बड़े भाई क्रमशः देव कुमार सेना में सूबेदार (जेसीओ रैंक के अधिकारी) हैं। दूसरे बड़े भाई संजीत कुमार सेना के आर्टिलरी में हैदराबाद में तैनात हैं। तीसरे भाई गोपाल कुमार 9 बिहार रेजिमेंट में हिमाचल और चाइना बॉर्डर पर तैनात हैं।
2017 में सेना में हुए थे भर्ती लद्दाख में हुई थी पहली पोस्टिंग
शहीद चंदन कुमार 2017 जनवरी में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। दानापुर से ट्रेनिंग के बाद चंदन ने प्रथम योगदान लद्दाख में दिया था। सेना में भर्ती होने से पहले चंदन की प्रारंभिक शिक्षा ज्ञानपूरा गांव स्थित उत्क्रमित विद्यालय ज्ञानपुरा से ही हुई थी। फिर बाद में आरा के हित नारायण क्षत्रिय स्कूल से आगे की पढ़ाई पूरी की थी।
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source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/jagdishpur/news/lal-of-bhojpur-did-not-delay-in-shedding-blood-for-his-soil-virgati-received-sandalwood-while-fighting-chinese-army-127421558.html
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