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सत्ता और सहादत

सत्ता और सहादत 
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       गिरीन्द्र मोहन मिश्र , फ़ोटो जर्नलिस्ट , जी.एम.ईस्टेट 

बिहार में  चुनाव है  बिहार  बटालियन  हुआ  शहिद, 
उपर से गम का  आँसू है  मन में  मनता ईद बकरीद.

सत्ता से  सवाल मत  पूछो  सवाल  पूछो  विपक्ष  से,
सत्ता सदा  सहादत लेता  इसे  सोचो गहरे अकल से.

रक्त पिपासु  जिन्दा  नहीं रह सकता वगैर रक्त  का,
चोर चोरी छोड़ देता पर गुण  रखता तुम्मा  फेरी का.

सियासत के गुणा भाग आम आदमी नहीं समझता,
वो तो जीवन यापन के लिए रोटी के  लिए  झखता. 

कुकुर अस्थि चबाता खुद के रक्त से खुश  हो जाता, 
रक्तअंधभक्त क्या जाने रक्त उसी के तन  से  आता.

महज़ कुछ गैस कैश से ही तुम खूब खुश हो जाओ,
सत्ता लोभी सत्ता भोगी से अपना अधिकार न माँगो.

अगर  अधिकार  माँगोगे  तो  कहलाओगे  देशद्रोही ,
अपना जुबान  बन्द रखो  और  कहलाओ  देशप्रेमी.

शहादत सदा देता गरीब किसान मध्यवर्गीय का बेटा,
डाक्टर ,इन्जीनीयर , प्रशासक बनता है नेता का बेटा. 

कौन नेता  का बेटा शहीद  हुआ  है ये तो बतलाओ,
जनता अगर  सवाल करे तो बबाल  कर बरगलाओ. 

मुद्दा को मुर्दा बनाकर नफ़रत गफ़लत में उलझाओ,
शिक्षा रोजगार की जन बात करे तो केश में फँसाओ.
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