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चक्रवाती तूफान एम्फन का झारखण्ड में दस्तक



हमारे संवाददाता श्निरीनिवास सिंह ने जमशेदपुर से जानकारिय दी है कि चक्रवाती तूफान एम्फन के लगातार शक्तिशाली होने के बीच आज सुबह से जमसेदपुर में बारिश का होना जरी है । मौसम विभाग की ओर जारी जानकारी के अनुशार इस चक्रवात एम्फन का नाम थाइलैंड ने दिया है और 2014 में देशों द्वारा दी गई चक्रवात के नामों की सूची का आखिरी नाम है। चक्रवात से जुड़े तीन तत्व होते हैं, जो कि विनाश का कारण बनते हैं। तेज हवा: चक्रवातों को तेज गति की हवाओं के साथ बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए जाना जाता है। चक्रवाती तूफान के साथ आने वाली बहुत तेज हवाएं प्रतिष्ठानों, आवासों, संचार प्रणालियों, पेड़ों आदि को नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे जान-माल का नुकसान होता है। दूसरी ओर हवा के तेज झोंके, हवा की गति में लंबे समय तक होते हैं और चक्रवात के आसपास र्सिपल बैंड बनाते हैं। मूसलाधार बारिश और बाढ़: चक्रवातों से जुड़ी मूसलाधार बारिश नुकसान का एक और प्रमुख कारण है। बेमौसम बारिश बाढ़ को जन्म देती है। तूफान के साथ बारिश नुकसान को बढ़ा सकती है। बारिश उन लोगों के लिए एक गंभीर समस्या है जो चक्रवात के दौरान बिना किसी आश्रय के होते हैं। चक्रवात के साथ भारी वर्षा आमतौर पर व्यापक क्षेत्र में होती है और मिट्टी के कटाव और तटबंधों के कमजोर होने का कारण बनती है। समुद्र के जलस्तर में वृद्धि: चक्रवाती तूफान के कारण समुद्र के स्तर में असामान्य रूप से वृद्धि होती है। जिसके परिणामस्वरूप समुद्र का पानी तटीय क्षेत्रों के निचले इलाकों में भर जाता है। सामान के साथ ही कई बार लोग भी डूब जाते हैं। यह पेड़ पोधों को नष्ट करता है और मिट्टी की उर्वरता को कम करता है। दिव्य रश्मि धर्म, राजनीति , समाज एवं आर्थिक जगत की खबरों का चैनल है | जनता की आवाज़ बनने के उदेश्य से हमारे सभी साथी कार्य करते है

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