सरकारी ‘लॉकडाऊन’के आदेश का उल्लंघन करनेवाले
संगठनो एवं उसके समर्थको पर केंद्र सरकार कठोर
कार्रवाई करें !
भारतीय जन क्रान्ति दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री रमेश चौबे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहाकि विश्व कोरोना जैसे महामारी के कारण जूझ रहा है अभी तक विश्व स्तर पर 47 हजार से भी अधिक लोगों की मृत्यु,
तो १० लाख ५० हजार से भी अधिक लोग संक्रमित हुए हैं । भारत
में यह महामारी न फैले; इसके लिए भारत सरकार ने ‘जनता कर्फ्यू’, जमाबंदी, ‘लॉकडाऊन’, संचारबंदी आदि विविध उपाय कर देशभर के सभी
धार्मिक स्थल भी बंद किए हैं; परंतु ऐसा होते हुए भी आज देशभर
की अनेक मस्जिदों, सभागृहों और इमारतों के टेरेस जैसे स्थानोंपर सरकारी आदेश को पैरों तले रौंदकर बडी संख्या मुसलमान लोग एकत्रित होकर नमाज पढ़ रहें है | नमाज पढने की घटनाएं सोशल मीडिया से उजागर हो रही हैं । ‘टिकटॉक’ जैसे संकेत स्थलों पर मुसलमानों को मास्क न
लगाने के और ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ का
पालन न करने के निर्देश देनेवाले वीडियो प्रसारित किए गए जा रहें है । अब तो देहली
में संपन्न तबलीगी जमात के
कार्यक्रम के कारण देशभर के अनेक राज्यों में कोरोना का बडी मात्रा में
संक्रमण होने की बात सामने आई है । साथ ही इस तबलीगी
जमात के कार्यक्रम में सहभागी अनेक लोगों द्वारा ‘पर्यटक वीजा’ लेकर भारत आने की तथा उनके अवैध रूप से धार्मिक कार्यक्रम में सहभागी होने
की घटना भी उजागर हुई है । कोरोना का संक्रमण न फैले; इसके लिए शासन के आदेशों का पालन
करते हुए हिन्दुओं ने अपने मंदिर बंद कर
सामाजिक दायित्व का निर्वहन किया है ; परंतु मुसलमान समुदाय
में विद्यमान कुछ समाजविरोधी प्रवृत्तियां इन आदेशों को न मानकर ‘कोरोना’ को रोकने के सरकारी प्रयासों में बाधा डाल रहे हैं और समाज के स्वास्थ्य
के लिए बडा संकट उत्पन्न कर
रहे हैं । भारतीय जन क्रान्ति दल के राष्ट्रीय महासचिव डॉ राकेश दत्त मिश्र ने ऐसी प्रवृत्तियां, साथ ही
वहां के मौलवी और तबलीगी जमात के विरुद्ध कठोर विधिजन्य कार्रवाई करने की मांग की है । एक ओर ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ न होने से और जमाबंदी आदेश का पालन न करनेवाले लोगों पर
पुलिसकर्मी लाठीचार्ज कर रहे
हैं । जो विधि का पालन नहीं करते, उनके विरुद्ध कार्रवाई तो
होनी ही चाहिए; परंतु मुसलमानों द्वारा इस आदेश का पालन न
होते हुए भी उनके विरुद्ध कहींपर भी कठोर कार्रवाई होते हुए नहीं दिखाई देती, जो
दुर्भाग्यपूर्ण है । अनेक मस्जिदों में विदेशी मुसलमान आकर अवैधरूप से रह रहे हैं । उन्हें यहां के
धार्मिक कार्यक्रमों में सहभागी होने की अनुमति न होते हुए भी वे सहभागी हो रहे
हैं । ऐसी घटनाएं राष्ट्रीय
सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत घातक हैं । अब तो कोरोनाग्रस्त मुसलमान रोगियों
द्वारा चिकित्सकीय कर्मचारी
और डॉक्टरोंपर थूके जाने की,
साथ ही उनकी जांच करने गए चिकित्सकीय अधिकारियों और पुलिसकर्मियोंपर आक्रमण किए जाने के समाचार मिल रहे हैं । बिहार
के मधुबनी में मुसलमानों के द्वारा पुलिसकर्मियों पर हमला करना यह मानसिकता अत्यंत
घातक है तथा समाज में जानबूझकर कोरोना का संक्रमण फैलाने का कृत्य गंभीर अपराध ही है । ऐसे समाजद्रोहियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाना
चाहिए । अन्य समयपर आधुनिकतावाद
के नामपर अपने बुद्धिकौशल का प्रदर्शन करनेवाले, साथ ही मुसलमान समुदाय के नेता इसपर अभीतक क्यों मौन हैं ।उन नेताओ का मौन होना इस
बात का संकेत है कि इसमें उनकी सहभागिता अवश्य है | अत: हमारी पार्टी भारत सरकार
से मांग करती है देश के सभी मस्जिदों को शील कर , सभी मौलवियों को हिरासत में लेकर
गहन जाँच की जाये | मुसलमानों के द्वारा किये गए कृत्य की हमारी पार्टी कड़े शब्दों
में निंदा करती है और इन घटनाओ से साबित होता है मुसलमान हमेशा देशविरोधी कार्य ही
करता है उसे इस देश से कोई लेना देना नहीं है जैसे पिछले दिनों शाहीन बाग़ और कई
मुसलमान बाहुल्य इलाकों में देखने को मिला | अत: भारत सरकार इस पर सख्त करवाई करे
ऐसा हमारा शासन से मांग है |