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कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक समेत श्रम क्षेत्र से जुड़े चार विधेयक पारित

कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक समेत श्रम क्षेत्र से जुड़े चार विधेयक पारित

  • डिलीवरी बॉय को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए पारित किया गया बिहार प्लेटफॉर्म आधारित गिग कामगार विधेयक
  • बिहार दुकान एवं प्रतिष्ठान (रोजगार विनियमन और सेवा–शर्त) विधेयक को भी मिली मंजूरी
  • इससे कार्य के घंटों में आएगा लचीलापन, अब 8 घंटे से अधिक समय तक काम कर सकेंगे श्रमिक, मिलेगा अतिरिक्त वेतन
  • श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री समेत बिहार की जनता को दी बधाई

पटना, 23 जुलाई।
बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र में बुधवार को श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने श्रम क्षेत्र से संबंधित चार ऐतिहासिक विधेयकों को सर्वसम्मति से मंजूरी दिए जाने पर राज्य की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों उप मुख्यमंत्रियों सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के साथ-साथ राज्य की जनता को बधाई दी है। इन विधेयकों में जननायक भारतरत्न कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक-2025, बिहार प्लेटफॉर्म आधारित गिग कामगार (निबंधन, सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण) विधेयक-2025 और बिहार दुकान एवं प्रतिष्ठान (रोजगार विनियमन और सेवा-शर्त) विधेयक-2025 शामिल हैं। इसके अलावा कारखाना (संशोधन) अधिनियम-2025 को भी पारित किया गया है।
*जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक-2025*
श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने कहा कि बिहार सरकार ने युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप कौशल प्रशिक्षण उपलब्ध करने को जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना का विधेयक विधानसभा में सर्वसम्मति से स्वीकृत कर दिया गया है। यह विश्वविद्यालय राज्य में चल रहे सभी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, पॉलिटेक्निक कॉलेजों और कौशल केंद्रों को एक केंद्रीय ढांचे में लाकर गुणवत्तापूर्ण पाठ्यक्रम, प्रशिक्षण, मूल्यांकन की उपाधि प्रदान करेगा। इसका उद्देश्य केवल कौशल प्रशिक्षण ही नहीं, बल्कि उद्यमिता, व्यावसायिक शिक्षा, नवाचार और अनुसंधान को भी बढ़ावा देना है। यह कदम "सात निश्चय" योजनाओं के अंतर्गत युवाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। इस विधेयक को विधि, वित्त और सामान्य प्रशासन विभागों की स्वीकृति मिल चुकी है।
*बिहार प्लेटफॉर्म आधारित गिग कामगार विधेयक-2025*
गिग कामगारों के लिए प्रस्तावित विधेयक के तहत राज्य सरकार एक कल्याण बोर्ड का गठन करेगी। जिसमें विभागीय मंत्री अध्यक्ष होंगे और इसमें संबंधित विभागों व प्लेटफॉर्म प्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। सभी प्लेटफॉर्म व एग्रीगेटरों को अनिवार्य रूप से 60 दिनों के भीतर पंजीकरण कराना होगा। प्रत्येक गिग कामगार को पंजीकरण के बाद यूनिक आईडी दी जाएगी, जिससे वह विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। इस विधेयक के माध्यम से गिग कामगारों की दुर्घटना मृत्यु की स्थिति में चार लाख रुपये, एक सप्ताह से अधिक अस्पताल में भर्ती होने पर 16,000 रुपये और एक सप्ताह से कम भर्ती होने पर 5,400 रुपये, 40 से 60 प्रतिशत तक विकलांगता की स्थिति में 74,000 से 2.5 लाख रुपये तक की सहायता तथा महिला कामगारों को मातृत्व अवकाश का लाभ (गर्भावस्था व प्रसव के दौरान 90 दिनों के लिए) प्रदान किए जाएंगे।
*बिहार दुकान एवं प्रतिष्ठान (रोजगार विनियमन और सेवा–शर्त) विधेयक-2025*
वर्ष 1953 के 72 साल पुराने अधिनियम को निरस्त कर स्वीकृत किए गए बिहार दुकान एवं प्रतिष्ठान विधेयक-2025 में रोजगार सुरक्षा, सेवा शर्तें, मजदूरी का समयबद्ध भुगतान, बैंक ट्रांसफर द्वारा वेतन भुगतान, महिला कामगारों के लिए समान अवसर और कल्याणकारी सुविधाओं का विस्तार किया गया है। अब प्रतिष्ठान 24x7 खुले रह सकते हैं।
*कार्य के घंटों में लचीलापन और कल्याणकारी प्रावधान*
इस नए विधेयक में कर्मकारों को सप्ताह में 48 घंटे की अधिकतम सीमा में लचीलापन देते हुए 5 दिन में 10 घंटे या 4 दिन में साढ़े 11 घंटे काम की अनुमति दी गई है। शौचालय, पीने का पानी, शिशु देखभाल कक्ष, प्राथमिक उपचार किट जैसे सुविधाएं अनिवार्य कर दी गई हैं।
*कारखाना (संशोधन) अधिनियम-2025*कारखाना अधिनियम, 1948 में संशोधन कर सप्ताहिक 48 घंटे की कार्य सीमा को रखते हुए प्रतिदिन 10 घंटे की दर से सप्ताह में 5 दिन अथवा 11:30 घंटे की दर से सप्ताह में 4 दिन काम अब लिया जा सकेगा। काम के दिनों और घंटों में लचीलापन दिया गया है। इससे न केवल उत्पादकता बढ़ेगी बल्कि ओवरटाइम से मजदूरों को अतिरिक्त आय भी होगी।
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