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नर्मदा संस्था द्वारा संचालित सहारा वृद्धाश्रम ने कोरोना से बचाव हेतु मास्क तैयार किये ||


नर्मदा संस्था द्वारा संचालित सहारा  वृद्धाश्रम ने कोरोना से बचाव हेतु मास्क तैयार किये |

नर्मदा संस्था द्वारा संचालित सहारा वृद्धाश्रम सहारा,खैरी,बभनगावां में कोरोना वायरस से बचाव के लिए मास्क तैयार किए जा रहे हैं। वृद्धाश्रम की महिलाएं कर्मचारी इस काम में दिन रात एक किए हुए है | वृद्धाश्रम के सचिव अरविंद पाण्डेय ने बताया हमारे संस्था की अध्यक्षा डॉ मंजू पाण्डेय की देखरेख में महिलाओं ने मास्क बनाने का कार्य प्रारंभ किया है। मास्क की गुणवत्ता के बारे में श्री पाण्डेय ने बताया इसकी गुणवत्ता को कही भी परखा जा सकता है । श्री पाण्डेय ने कहा कि संस्था की महिलाएं अध्यक्ष के साथ काफी मेहनत कर रही है। इस संकट की घड़ी में संस्था ने मास्क बनाने का जो निर्णय लिया है वो किसी देशभक्ति से कम नहीं है। डॉ मंजू पाण्डेय  ने बताया कि उनका प्रयास है कि रोजाना कम से कम प्रतिदिन १५० मास्क तैयार हों। जिसे बनाकर कर हमलोग स्थनीय ग्रामीणों को भी वितरण कर सकें हमारी संस्था यह मास्क ऐसे लोगों के लिए तैयार कर रही हैं जो बाजार से महंगे दामों पर मास्क नहीं खरीद सकते हैं। हम लोग घर पर उपलब्ध कपड़े से मास्क तैयार कर लोगों को निशुल्क वितरित कर रहे हैं। साथ ही लोगों को सामाजिक दूरी के नियमों एवं बार-बार हाथ साबुन से 20 सेकेंड तक धोने के लिए जागरूक भी कर रहे हैं। मास्क बनाने के लिए सूती कपड़े का प्रयोग किया जा रहा है। सर्वप्रथम सूती कपड़े को अच्छी तरह धो कर तेज धूप में सुखाने के पश्चात काट लिया जाता है तथा सिलाई मशीन की सहायता से सिल कर तैयार किया जा रहा हैं। हमारी संस्था के द्वारा सरकार द्वारा जारी मैनुअल के अनुसार मास्क तैयार किये जा रहे है। मास्क के प्रयोग के बारे में डॉ मंजू पाण्डेय ने बताया आमजन के द्वारा इन मास्क को पुन: उपयोग में लाया जा सकता है। मास्क पहनते समय अपने नाक व मुंह को अवश्य ढकें व मास्क के अंदर की सिलवटे हमेशा नीचे की ओर होनी चाहिए। मास्क को पुन: उपयोग करने के लिये कभी भी उलटा न करेजैसे ही मास्क गीला व नम हो तुरंत दूसरे मास्क से बदल लें। मास्क को साबुन के घोल या उबलते पानी में धोएं जिनमें नमक डला हुआ हो व तेज धूप में सुखाए।