नारी नारी तो नारी है , नारी कभी न हारी है । दुःख की बात देखो , नारी पर नारी भारी है ।। नर नारी का आ…
Read more »होली सृष्टि सृजन से ही होता आया, सदैव देव-असुर संग्राम होली याद दिलाती है, जिसे वर्ष प्रति वर्ष अवि…
Read more »होली अपनो के संग आओ हम सब, मिलकर मनाएं होली। अपनों को स्नेह प्यार का, रंग लगाये हम। चारो ओर होली का…
Read more »विज्ञापन की दुनिया को, ज़रा ध्यान से देखो तुम, लक्ष्य सनातन का पैसा, संस्कार खो देना तुम। सभी विज्ञ…
Read more »पिज़्ज़ा सस्ता सब्ज़ी महँगी हो गई, घर की रोटी भूखी घर में सो गई। होटल जाकर सब कुछ सस्ता लगता, मंहगा…
Read more »अबकी होली में अबकी होली में, आयेंगे पिया हमार । आयेंगे जब होली में, नाचूँगी,गाऊँगी, खुशियाँ मनाऊंगी…
Read more »फागुन फागुन के महिने में , ये फागुनी बयार है । ले रंग गुलाल फाग , होली का इंतजार है ।। घर घर पाक मि…
Read more »बांसुरी चक्र सुदर्शन धारी केशव, लीला अपरंपार तेरी। मंझधार में डूबी नैया, आकर करना पार मेरी। बजे मुर…
Read more »टूट ना जाये गया था आज उनके घर पूछने हाल चाल उनका। मगर थे नहीं घर पर वो इसलिए लिख आया पर्ची पर। जब आ…
Read more »जिन्दगी हो चार दिन या शतायु बनती रहे, मन में प्रसन्नता रहे और जिन्दगी बढती रहे। गम जीवन में रहें, ख…
Read more »गुलाबी रंग उत्साह उमंग हर्ष जगाता मन में खुशियां लाता। रौनक लाता गुलाबी रंग ओजस्वी सबको भाता। महकते…
Read more »आप के धर्म युद्ध पर जब गले की फाँस दिल तक आ गई, “आप” के चेहरे पर सिकन छा गई। घिर गये जयद्रथ कुरुक्ष…
Read more »गौरवशाली भारत इतिहास के पन्नों से, वह इतिहास ग़ायब कर दिया, जिससे गौरवान्वित था भारत, काल ग़ायब कर …
Read more »उड़ती पतंग सी फितरत व्योम तलक उड़ाने उंची आसमां तक छा जाऊं। मन करता दुनिया घूम लूं पंख लगा उड़ पाऊ…
Read more »परेशानी दिल थाम लो जरा तुम तिरछी धाराओं को मोड़ दो राह की अड़चन बन जाये उन बेड़ियों को तोड़ दो बाधा…
Read more »जिसका दिल --:भारत का एक ब्राह्मण. संजय कुमार मिश्र अणु जिसका दिल जीतना बड़ा होता है, वो उतना ही…
Read more »हम पुराने हो गए संजय कुमार मिश्र अणु --:भारत का एक ब्राह्मण लग रहा है कि जैसे हम पुराने हो गए, और श…
Read more »जीत मे भी, हार मे भी अविचल चलता रहूँगा, विश्वास का संबल लिये मंजिलें गढता रहूँगा। था नही कुछ भी हमा…
Read more »नारी नर पर भारी है, फिर भी वह बेचारी है। आँसू का हथियार चलाती, सबको अपना दास बनाती। पलभर में घुटन…
Read more »वीर विनायक दामोदर सावरकर गणेश, विनायक और नारायण, एक ही माँ के जायी, पिता दामोदर सावरकर से, क्रान्ति…
Read more »चरन नाद खूंटा पगहा घुघुर घांटी औंधे पड़ल रहल जहवां बा टूटल खटिया के पाटी दुआरा उदास पड़ल बा देखनी आ …
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