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भ्रष्टाचार से मुकाबले के लिए एकजुटता का आह्वान

भ्रष्टाचार से मुकाबले के लिए एकजुटता का आह्वान

जहानाबाद । प्रत्येक वर्ष 9 दिसंबर को मनाया जाने वाला विश्व भ्रष्टाचार निवारण दिवस व इंटरनेशनल एन्टी करप्शन डे मनाया जाएगा। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध वैश्विक जागरूकता बढ़ाने और इससे निपटने के सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए घोषित किया गया है। इसका उद्देश्य लोगों को रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी औरसत्ता के दुरुपयोग जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ दृढ़ता से खड़े होने के लिए प्रेरित करना है।
जहानाबाद में, साहित्यकार और इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने इस अवसर पर भ्रष्टाचार के दुष्प्रभावों के प्रति गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस दिवस का मूल उद्देश्य भ्रष्टाचार के नकारात्मक परिणामों के बारे में जागरूकता फैलाना और इसकी रोकथाम के प्रभावी उपायों को बढ़ावा देना है।श्री पाठक ने बताया कि विश्व भ्रष्टाचार निवारण दिवस को मनाने की शुरुआत तब हुई जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 31 अक्टूबर, 2003 को ऐतिहासिक 'भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र कन्वेशन को अपनाया था। इस कन्वेंशन के बाद, 9 दिसंबर को आधिकारिक रूप से इस दिवस के रूप में नामित किया गया और यह 9 दिसंबर, 2005 से प्रतिवर्ष मनाया जा रहा है।यह कन्वेंशन भ्रष्टाचार से निपटने के लिए दुनिया का एकमात्र कानूनी रूप से बाध्यकारी बहुपक्षीय साधन है।भ्रष्टाचार किसी भी देश के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास के लिए एक गंभीर बाधा है। यह न्याय और समानता को बाधित करता है, जिससे आम आदमी का जीवन प्रभावित होता है।इस दिवस पर इस बात पर विशेष बल दिया जाता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई केवल सरकारों का काम नहीं है। इसमें सरकारों, व्यवसायों, गैर-सरकारी संगठनों (NGOs), मीडिया और आम नागरिकों की समान और निर्णायक भूमिका होती है। सभी हितधारकों को एकजुट होकर, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए एक साथ काम करना आवश्यक है।पाठक का वक्तव्य: "भ्रष्टाचार से मुकाबले में जनभागीदारी सर्वोपरि है। हर नागरिक को इस बुराई के खिलाफ आवाज उठानी होगी। 9 दिसंबर हमें याद दिलाता है कि एक ईमानदार समाज का निर्माण हर व्यक्ति के संकल्प से ही संभव है।इस वर्ष भी, विभिन्न संगठन भ्रष्टाचार से होने वाले नुकसानों को उजागर करने और निवारक तंत्रों को मजबूत करने के लिए कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। इन प्रयासों में कानूनी सुधार, वित्तीय पारदर्शिता और सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग शामिल है, जिससे सरकारी कार्यों में लीकेज को रोका जा सके।यह दिवस सिर्फ एक रस्म अदायगी नहीं है, बल्कि यह एक मजबूत संदेश देता है कि भ्रष्टाचार एक ऐसी चुनौती है जिसे केवल अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और स्थानीय स्तर पर सक्रिय नागरिकता के माध्यम से ही पराजित किया जा सकता है।
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