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भाग्य खुले..

भाग्य खुले..

कलयुग में प्रभु मिले
के सबके देखो भाग्य खुले।
खुशी-खुशी दर्शन कर लो
की दुख-दर्द अपने हर लो।।

सारे दुनियाँ में धूम मची है..2
सबकी जुवान पर नाम प्रभु का।
प्रभु अवतार के किस्से बहुत..2
सुनकर मग्न हो जाते सब।
खुशी-खुशी दर्शन कर लो
की दुख-दर्द अपने हर लो।।

जब जब दर्शन प्रभु के मिलते..2
सच में किस्मत हमरी चमके।
प्रभु दर्शन से खुलते है द्वार..2
और पा जाते है खुशियाँ अपार।
खुशी-खुशी दर्शन कर लो
की दुख-दर्द अपने हर लो।।

मानव जन्म ये धन्य हुआ है..2
होकर अमर कोई आता नही है।
ये सत्य सबको जानना चाहिए..2
की जीवन चक्र चलता रहेगा।
खुशी-खुशी दर्शन कर लो
की दुख-दर्द अपने हर लो।।
कलयुग में प्रभु मिले
के सबके देखो भाग्य खुले।
खुशी-खुशी दर्शन कर लो
दुख-दर्द अपने हर लो।।

जय जिनेंद्र
संजय जैन "बीना" मुंबई
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