परंपराएं,इतिहास का जीवंत रूप
कुमार महेंद्रप्रगाढ़ धर्म आस्था विश्वास,
संबंध अंतर अपनत्व ज्योत ।
ज्ञान सरोवर परा संस्कृति,
खुशियां जन्य पावन श्रोत ।
वैभव सेतु कुल वंश गौरव,
निर्माण आदर्श योजना अनूप ।
परंपराएं,इतिहास का जीवंत रूप ।।
स्मृति पटल विगत जीवन,
रग रग स्नेह प्रेम स्पंदन ।
बोध शोध आनंद मनोरमा,
हिय जिय सरसता मंडन ।
सहज प्रस्तुति पुरातन आभा,
प्रशस्त उज्ज्वल पथ स्वरूप ।
परंपराएं,इतिहास का जीवंत रूप ।।
मृदुल मधुर संवाद कड़ी,
उन्नति अवनति सरस संधान ।
अनुभूत गत सुख दुःख अभाव,
तुलना आरेख संग वर्तमान ।
ज्ञान परिणय उत्सव रीतियां,
मानवता स्पर्श स्वभाव प्रतिरूप ।
परंपराएं,इतिहास का जीवंत रूप ।।
हौसली पंख प्रगति उड़ान,
आधार स्तंभ व्यवहार शिक्षा ।
प्रोत्साहन प्रकृति संरक्षण,
ध्यान निज अस्तित्व अभिरक्षा ।
परिवार समाज राष्ट्र पुलकित,
कामना भावना सुकोमलता कूप ।
परंपराएं,इतिहास का जीवंत रूप ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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