Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

प्रेम ईश्वर समान,वासना एक मनोविकार

प्रेम ईश्वर  समान,वासना एक मनोविकार

कुमार महेंद्र
अंतःकरण मृदुल कामना,
नेह दिव्य भव्य परिभाषा ।
तन स्पर्श आलिंगन अंतर,
दर्शित वासना अभिलाषा ।
स्पर्श हीन आनंद अनुभूति,
पुनीत पावन प्रणय निखार ।
प्रेम ईश्वर_समान,वासना एक मनोविकार ।।


वासना पट मर्यादा तार तार,
गौण प्रिय आदर सम्मान ।
पाश्विक चिंतन मनन,
लैंगिक सुख स्वार्थ ध्यान ।
छल कपट कृत्रिम प्रदर्शन,
संसर्ग हेतु अवांछित विचार ।
प्रेम ईश्वर_ समान,वासना एक मनोविकार ।।


प्रीत अनुपमा मनमोहिनी ,
सादगी श्रृंगार अति उत्तम।
माध्य साध्य आलोक पुंज ,
सदा हरण हाहाकार तम ।
सहन वहन कष्ट कंटक बाधा ,
निर्मित मिलन योग विसार ।
प्रेम ईश्वर _समान,वासना एक मनोविकार ।।


अनुरक्ति पटल उद्दीग्नता शांत,
तन मन एकीकरण ओर ।
अमिय सुधा परम स्पंदन,
प्रति पल आनंदित भोर ।
वासना मात्र शारीरिक क्षुधा,
दानव सम भोग विलास विहार ।
प्रेम ईश्वर _समान,वासना एक मनोविकार ।।


कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ