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परिमार्जन प्लस मामलों में अब नहीं चलेगी देरी

परिमार्जन प्लस मामलों में अब नहीं चलेगी देरी

  • समय-सीमा तय, लापरवाह अधिकारियों पर होगी कड़ी कार्रवाई : उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा

पटना | 14 दिसंबर 2025

राज्य के आम रैयतों को भूमि से संबंधित मामलों में त्वरित, पारदर्शी और भरोसेमंद सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने परिमार्जन प्लस पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों के निष्पादन के लिए सख्त समय-सीमा निर्धारित कर दी है। माननीय उपमुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अब किसी भी स्तर पर लापरवाही या अनावश्यक देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

उपमुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक के दौरान पाया कि परिमार्जन प्लस पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों के निष्पादन में बड़े पैमाने पर शिथिलता बरती जा रही है, जिससे आम रैयतों को अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि निर्धारित समय-सीमा के भीतर सभी मामलों का निस्तारण अनिवार्य होगा और नियमों की अनदेखी करने वाले अधिकारियों एवं कर्मियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
4.50 करोड़ जमाबंदियां हुईं ऑनलाइन, त्रुटियों के समाधान के लिए बना परिमार्जन प्लस

विभाग द्वारा भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए अब तक लगभग 4.50 करोड़ जमाबंदियों को ऑनलाइन किया जा चुका है। हालांकि, डिजिटलीकरण के दौरान कई जमाबंदियों में रैयत के नाम, पिता का नाम, खाता, खेसरा, रकबा, लगान आदि से जुड़ी त्रुटियां सामने आई हैं। इन्हीं विसंगतियों के त्वरित समाधान के लिए परिमार्जन प्लस पोर्टल विकसित किया गया है।

इस पोर्टल के माध्यम से डिजिटाइज्ड जमाबंदी में नाम, पिता का नाम, जाति, पता, खाता, खेसरा, रकबा और लगान संबंधी त्रुटियों के सुधार के साथ-साथ छूटी हुई जमाबंदी को ऑनलाइन करने की सुविधा प्रदान की जा रही है।
अब तय हुई स्पष्ट समय-सीमा

विभागीय समीक्षा में यह तथ्य सामने आया कि समय-सीमा निर्धारित नहीं होने के कारण अंचल स्तर पर आवेदनों के निष्पादन में अनावश्यक विलंब हो रहा था। इसे देखते हुए विभाग ने अब परिमार्जन प्लस के तहत प्राप्त आवेदनों के निष्पादन के लिए अधिकतम समय-सीमा निर्धारित कर दी है—

लिपिकीय/टंकण भूल या लोप से जुड़ी त्रुटियों का सुधार – 15 कार्य दिवस


अन्य जमाबंदी संबंधी त्रुटियों का सुधार – 35 कार्य दिवस


छूटी हुई जमाबंदी को ऑनलाइन करना – 75 कार्य दिवस


भू-मापी की आवश्यकता वाले मामलों का निष्पादन – 75 कार्य दिवस

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि लौटाए गए मामलों में आवेदक के लॉगिन में लंबित अवधि को कार्य दिवस की गणना से बाहर रखा जाएगा।
जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि परिमार्जन प्लस पोर्टल पर प्राप्त प्रत्येक आवेदन का निष्पादन निर्धारित समय-सीमा के भीतर सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, मामलों के निस्तारण में लापरवाही या शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों और कर्मियों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई कर इसकी सूचना विभाग को अनिवार्य रूप से देने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।

उपमुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने दो टूक कहा कि सरकार की प्राथमिकता आम रैयतों को शीघ्र, पारदर्शी और भरोसेमंद राजस्व सेवाएं उपलब्ध कराना है और इस दिशा में किसी भी स्तर पर ढिलाई स्वीकार्य नहीं होगी। रूप में भी ढाल सकता हूँ।हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

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