मंगलमूर्ति हनुमान और गणेश: शुभता, शक्ति
सत्येन्द्र कुमार पाठक
हिंदू धर्म में, मंगल (शुभता और कल्याण) का भाव दो महान देवताओं से गहराई से जुड़ा हुआ है: भगवान गणेश और भगवान हनुमान। ये दोनों ही देवता भक्तों के जीवन में शक्ति, साहस और निर्विघ्नता का संचार करते हैं और इन्हें प्रेम से 'मंगल मूर्ति' कहकर पुकारा जाता है।भगवान गणेश, शिव और पार्वती के पुत्र हैं, जिन्हें प्रथम पूज्य और बुद्धि, सौभाग्य व ज्ञान का अधिष्ठाता माना जाता है।परिचय और कार्य: वह सभी विघ्नों को हरने वाले (विघ्नहर्ता) हैं, जिनके स्मरण मात्र से कार्य सिद्ध होने लगते हैं। हाथी जैसी अदम्य स्मृति के कारण उन्हें स्मृति व बुद्धि का देवता भी कहा जाता है।वैदिक महत्त्व: ऋग्वेद में उन्हें "ब्रह्मणस्पति" कहा गया है, जो वाणी, ज्ञान और ऋचाओं के अधिपति हैं।पूजा विधि: गणेश जी को दूर्वा, मोदक और अक्षत विशेष रूप से चढ़ाए जाते हैं। उनकी आराधना का मुख्य मंत्र है:"वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ, निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।"भगवान हनुमान, भगवान शिव के एकादश रुद्र अवतार और भगवान राम के परम भक्त हैं। उन्हें कलयुग का जागृत देव माना जाता है, जो भक्तों के सभी कष्ट और अमंगल को तुरंत दूर करते हैं।परिचय और कार्य: वह परम बलवान, साहस और शक्ति के प्रतीक हैं। उन्हें संकटमोचन कहा जाता है क्योंकि उनकी कृपा से व्यक्ति का जीवन सुखमय हो जाता है।पूजा का विशेष दिन: मंगलवार का दिन उनकी आराधना के लिए समर्पित है। इस दिन की गई पूजा जीवन में शुभता और बल लाती है।
ज्योतिष में मंगल ग्रह ऊर्जा, साहस, शक्ति और युद्ध का कारक माना जाता है।देवता संबंध: जब यह ग्रह अशुभ फल देता है, तो इसे शांत करने के लिए हनुमान जी की पूजा का विधान है। हनुमान जी स्वयं 'मंगल मूर्ति' हैं और वह भक्तों के अमंगल को हरकर जीवन में शुभता लाते हैं। गणेश जी और हनुमान जी के बीच गहरा आध्यात्मिक और पारिवारिक संबंध है:पारिवारिक निकटता: चूंकि हनुमान जी स्वयं शिव के अवतार हैं, और गणेश जी शिव-पार्वती के पुत्र हैं, इस नाते हनुमान जी को गणेश जी का बड़ा भाई अथवा मामा भी माना जाता है।शुभता का साझा स्रोत: दोनों ही देवता भक्तों के जीवन में 'मंगल' (शुभता) प्रदान करने वाले हैं और सभी अमंगल को दूर करने का कार्य करते हैं। एक विघ्नहर्ता के रूप में और दूसरे संकटमोचन के रूप में, वे मिलकर भक्तों को निर्भीक और सुखमय जीवन प्रदान करते हैं।इस प्रकार, गणेश और हनुमान जी केवल पूज्य देवता नहीं हैं, बल्कि वे हिंदू धर्म में शुभता, शक्ति और अमंगल नाश के एक ही मूलभूत सिद्धांत के दो महान और पूरक स्वरूप हैं।
सनातन धर्म संस्कृति में, सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी प्रमुख देवता और ग्रह से जुड़े हुए हैं। इनमें मंगलवार का दिन विशेष रूप से ऊर्जा, बल, साहस और शुभता का प्रतीक माना जाता है। यह दिन तीन प्रमुख शक्तियों - मंगल ग्रह, भगवान हनुमान, और भगवान गणेश - के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए समर्पित है।मंगलवार का नाम सीधे मंगल ग्रह (Mars) से जुड़ा है। ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है:कारक ग्रह: मंगल को साहस, पराक्रम, शक्ति, ऊर्जा, आत्मविश्वास और युद्ध का कारक माना जाता है। यह व्यक्ति को निडरता और नेतृत्व क्षमता प्रदान करता है।भौम का दिन: मंगल को 'भौम' भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है पृथ्वी का पुत्र। यह ग्रह तीव्र गति, अग्नि तत्व और क्रोध का प्रतिनिधित्व करता है।महत्व: यदि किसी की कुंडली में मंगल कमजोर या अशुभ स्थिति में हो (जैसे मंगल दोष), तो व्यक्ति जीवन में बाधाएं, ऋण, और स्वास्थ्य समस्याएं झेल सकता है। इसी अशुभता को शुभता में बदलने के लिए मंगलवार का दिन विशेष पूजा के लिए निर्धारित किया गया है। . हनुमान जी: संकटमोचन और मंगलवार के अधिष्ठाता देव मंगलवार का दिन मुख्य रूप से भगवान हनुमान की पूजा के लिए समर्पित है, क्योंकि माना जाता है कि इसी दिन उनका जन्म हुआ था। विशेष संबंध: हनुमान जी को संकटमोचन, परम बलवान और कलयुग का जागृत देव माना जाता है। उनकी पूजा से भक्तों के सभी प्रकार के अमंगल (बुराई या अशुभता) दूर हो जाते हैं।
मंगल मूर्ति: हनुमान जी की पूजा से मंगल ग्रह शांत होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हनुमान जी स्वयं 'मंगल मूर्ति' हैं—शुभता के साक्षात् स्वरूप। उनकी उपासना से व्यक्ति को भय से मुक्ति, मानसिक शांति, बल और त्वरित सफलता प्राप्त होती है।
पूजा का फल: मंगलवार को हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ करने और सिंदूर चढ़ाने से भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि और निर्भीकता का संचार होता है। यद्यपि बुधवार को गणेश जी का प्रिय दिन माना जाता है, लेकिन मंगलवार का संबंध उनसे भी गहरा है, और उन्हें भी इस दिन पूजा जाता है:विघ्नहर्ता का स्वरूप: गणेश जी प्रथम पूज्य हैं और सभी विघ्नों को हरने वाले (विघ्नहर्ता) हैं। कार्य की शुरुआत हमेशा उन्हीं के आह्वान से होती है।मंगल का अर्थ शुभता: गणेश जी को भी 'मंगल मूर्ति' कहा जाता है, क्योंकि वे बुद्धि और सौभाग्य के देवता हैं, जो सभी कार्यों को शुभ (मंगल) बनाते हैं। परंपराओं में, मंगलवार को हनुमान जी की पूजा शुरू करने से पहले, गणेश जी की पूजा करने का विधान है ताकि पूजा में कोई बाधा न आए और मंगल ग्रह से संबंधित सभी कार्य निर्विघ्न संपन्न हों। मंगलवार इन तीनों शक्तियों के अद्भुत संगम का दिन है:।मंगल ग्रह ऊर्जा, साहस, पराक्रम का कारक जीवन में गति और शक्ति प्रदान करता है।
हनुमान जी संकटमोचन, बल का प्रतीक मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को शांत करते हैं और भय दूर करते हैं।गणेश जी विघ्नहर्ता, बुद्धि और शुभता सभी कार्यों को निर्विघ्न और शुभ बनाते हैं। इस प्रकार, मंगलवार केवल हनुमान जी का ही नहीं, बल्कि शक्ति, शुभता, साहस और निर्विघ्नता प्राप्त करने का एक संपूर्ण दिन है, जो मंगल ग्रह, हनुमान जी और गणेश जी के सम्मिलित आशीर्वाद से भक्तों के अमंगल को दूर करता है।
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