Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

तुम्हारे संग,प्रणय उल्लास उमंग

तुम्हारे संग,प्रणय उल्लास उमंग

कुमार महेंद्र
पाकर तुम्हारा साथ,
जीवन सम प्रसून खिला ।
बोझिल सी राहों पर,
आनंद भरा सुकून मिला ।
जले नव आशा दीप ,
नैराश्य भाव हुआ बहिरंग ।
तुम्हारे संग,प्रणय उल्लास उमंग ।।


मेरा जीवन तो जैसे,
तपता रेगिस्तान था ।
कदम कदम पर छाया,
संघर्ष भरा तूफान था ।
मुस्कान मिली चेहरे को,
रग रग वरण चैतन्य अनंग ।
तुम्हारे संग,प्रणय उल्लास उमंग ।।


मेरे उर कैनवास पर,
तुमने अनूप चित्र बनाया ।
विचलनी पगडंडी पर,
हर भाव पवित्र सजाया ।
जब जब विपदा बदरी घेरी,
सदैव बने सहज समाधान अंग ।
तुम्हारे संग,प्रणय उल्लास उमंग ।।


हर्ष उत्साह दिव्य तरंग,
जीवन अनूप परिभाषा हो ।
मृदुल प्रणय अनुबंध पर,
नित मिलन अभिलाषा हो ।
हिय कामनाएं सदा फलीभूत ,
रमा नेह सौरभ अंग प्रत्यंग ।
तुम्हारे संग,प्रणय उल्लास उमंग ।।


कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ