लोकसभा में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय का बयान: वामपंथी उग्रवाद पर मोदी सरकार की ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति से ऐतिहासिक सफलता

नई दिल्ली, संसद भवन — केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने आज लोकसभा में तारांकित प्रश्न संख्या 122 के तहत वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा संबंधी बुनियादी अवसंरचना से जुड़े सवाल का विस्तार से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम नेतृत्व और केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में सरकार ने वामपंथी उग्रवाद (Left Wing Extremism) के खात्मे के लिए समग्र, सशक्त और प्रभावी रणनीति तैयार की है, जिसके परिणाम अभूतपूर्व हैं।
मुख्य बिंदु
वामपंथी उग्रवाद पर कड़ा प्रहार
श्री राय ने कहा कि वामपंथी उग्रवादी न तो संविधान में विश्वास रखते हैं, न ही लोकतंत्र में। इन उग्रवादियों ने हज़ारों निर्दोष नागरिकों की हत्या की, बच्चों को अनाथ किया और सैकड़ों महिलाओं के सुहाग उजाड़े।
उन्होंने बताया कि—
- वर्ष 1967 से चली आ रही यह समस्या अब समाप्ति की ओर है।
- कभी पशुपतिनाथ से तिरुपति तक फैले रेड कॉरिडोर का दायरा अब सीमित होकर बेहद छोटा रह गया है।
- मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद के पूरी तरह सफाए का लक्ष्य तय किया गया है।
- इसके विपरीत, उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने इसे राज्य का विषय माना, जिसके कारण कोई ठोस राष्ट्रीय नीति नहीं बन सकी। लेकिन मोदी सरकार ने ‘Whole of Government Approach’ अपनाते हुए निर्णायक कदम उठाए।
सरकार के प्रभावी कदम
सुरक्षा मोर्चे पर
- वामपंथी क्षेत्रों में 574 CAPF कंपनियों की तैनाती।
- 706 किलेबंद पुलिस स्टेशनों की स्वीकृति।
- CRPF की बस्तरिया बटालियन के लिए 1,143 युवाओं की भर्ती।
- ₹3,523 करोड़ (SRE)
- ₹1,757 करोड़ (Special Infrastructure)
- ₹3,848 करोड़ (Special Central Assistance)
- ₹1,218 करोड़ (ACALWEMS)
- ₹210 करोड़ (Civic Action Programme)
विकास की तेज़ रफ्तार
- 17,573 किमी सड़क निर्माण, जिसमें 85% कार्य पूरा।
- 10,651 मोबाइल टावरों की स्थापना।
- 46 ITI और 49 कौशल विकास केंद्रों को स्वीकृति।
- 258 एकलव्य विद्यालय, 11 केन्द्रीय विद्यालय, 6 नवोदय विद्यालय स्वीकृत।
- 6,025 डाकघर, 1,804 बैंक शाखाएँ, 1,321 ATM खोले गए।
परिणाम: नक्सलवाद लगभग खत्म
2010 के मुकाबले 2024 में—
- हिंसा की घटनाएँ 81% कम
- नागरिक मृत्युओं में 70% की कमी
- सुरक्षा बलों की शहादत में 75% की कमी
जून 2004–मई 2014 बनाम जून 2015–मई 2025
| विवरण | पूर्व अवधि | वर्तमान अवधि | कमी |
|---|---|---|---|
| हिंसा की घटनाएँ | 16,135 | 7,134 | 56% |
| नागरिक मौतें | 4,684 | 1,404 | 70% |
| सुरक्षा बलों की मौतें | 1,824 | 464 | 75% |
| कुल मृत्यु | 6,508 | 1,868 | 71% |
क्षेत्रीय प्रभाव में भारी कमी
- प्रभावित राज्य: 10 से घटकर 5
- प्रभावित जिले: 126 से घटकर 11
- प्रभावित थाने: 465 से घटकर 106
2014 से अब तक 9,588 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिनमें 2,167 आत्मसमर्पण सिर्फ वर्ष 2025 में हुए।
माओवादियों के पुनर्वास के लिए सरकार के कदम
श्री राय ने बताया कि पुनर्वास नीति को अत्यंत प्रभावी बनाया गया है—
- शीर्ष उग्रवादी नेताओं पर कड़ा प्रहार:
- जून 2019 से अब तक 29 शीर्ष नक्सली लीडर न्यूट्रलाइज्ड,
- सिर्फ इस वर्ष 14 CCM/PBM ढेर।
- 2019 से अब तक—
- 1,106 मारे गए
- 7,311 गिरफ्तार
- 5,571 ने सरेंडर किया
आत्मसमर्पण करने वालों के लिए लाभ
- शीर्ष कैडर: ₹5 लाख
- अन्य कैडर: ₹2.5 लाख
- हथियार सौंपने पर विशेष प्रोत्साहन
- 3 वर्षों तक ₹10,000 मासिक वजीफा
- बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा, छात्रावास
- घायल/दिव्यांगों, महिलाओं और पुलिस सहयोगियों हेतु विशेष योजनाएँ
श्री राय ने कहा कि सिर्फ इस वर्ष 2,167 माओवादी पुनर्वास नीति का लाभ लेकर मुख्यधारा में लौट चुके हैं, जिससे शेष कैडर को भी आत्मसमर्पण की प्रेरणा मिल रही है।
लोकसभा में दिए गए जवाब से स्पष्ट है कि मोदी सरकार की कठोर नीति, विकास कार्यों की तेज़ रफ्तार और सुरक्षा बलों की दृढ़ कार्रवाई ने वामपंथी उग्रवाद को लगभग जड़ से खत्म कर दिया है। सरकार का दावा है कि मार्च 2026 तक भारत इस समस्या से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा।
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