Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

वक़्त के थपेड़े ---

वक़्त के थपेड़े ---

वक़्त के थपेड़े, जो लोग सहा करते हैं,
गर्दिश के दिनों में, साहस से चला करते हैं।
बदलता है वक़्त, बनते वह शहंशाह,
रहते हैं फलक पर, जमीं पे चला करते हैं।
वक़्त के थपेड़े, हमको यह सिखाते हैं,
दुःख में जो काम आये, मित्र हुआ करते हैं।
वक़्त के थपेड़े, इंसान को बदलते हैं,
जिस्म मोम का, पत्थर दिल हुआ करते हैं।

परन्तु 

वक़्त के थपेड़ों ने, मुझे इस तरह बदला,
जिस्म पत्थर बना, अरमां मोम बन पिंघला।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ