वक़्त के थपेड़े ---
वक़्त के थपेड़े, जो लोग सहा करते हैं,
गर्दिश के दिनों में, साहस से चला करते हैं।
बदलता है वक़्त, बनते वह शहंशाह,
रहते हैं फलक पर, जमीं पे चला करते हैं।
वक़्त के थपेड़े, हमको यह सिखाते हैं,
दुःख में जो काम आये, मित्र हुआ करते हैं।
वक़्त के थपेड़े, इंसान को बदलते हैं,
जिस्म मोम का, पत्थर दिल हुआ करते हैं।
परन्तु
वक़्त के थपेड़ों ने, मुझे इस तरह बदला,
जिस्म पत्थर बना, अरमां मोम बन पिंघला।
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