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नई शिक्षा नीति 2020: 'जेन जी' छात्रों को मिला एनजीओ की भूमिका पर गहन मार्गदर्शन; राष्ट्र निर्माण की तीसरी शक्ति हैं एनजीओ

नई शिक्षा नीति 2020: 'जेन जी' छात्रों को मिला एनजीओ की भूमिका पर गहन मार्गदर्शन; राष्ट्र निर्माण की तीसरी शक्ति हैं एनजीओ

पटना, नवंबर 17, 2025। नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप, देशभर के कॉलेज छात्रों को अनुभव आधारित शिक्षा और सामाजिक सरोकारों से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, पटना में एक व्यापक चर्चा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। प्रेम यूथ फाउंडेशन द्वारा आयोजित यह संगोष्ठी एनजीओ हेल्पलाइन परिसर, जगत ट्रेड सेंटर, फ्रेजर रोड, पटना में हुई, जहाँ कॉलेज के छात्र-छात्राओं (जेन जी) को राष्ट्र निर्माण में गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की भूमिका पर विस्तृत मार्गदर्शन मिला।

कार्यक्रम में उपस्थित गांधीवादी श्री प्रेम कुमार, (प्रेम यूथ फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष) और मानसपुत्र संजय कुमार झा, (एनजीओ हेल्पलाइन के संस्थापक निदेशक, अर्थशास्त्री एवं समाजशास्त्री चार्टर्ड एकाउंटेंट) ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।

संवेदनशीलता ही राष्ट्र निर्माण का आधार: श्री प्रेम कुमार

गांधीवादी विचारक और फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष श्री प्रेम कुमार जी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि, “राष्ट्र निर्माण का आधार केवल शिक्षा नहीं, बल्कि शिक्षित युवाओं का समाज और मानवता के प्रति संवेदनशील होना है। एनजीओ वह सेतु हैं जो युवाओं को वास्तविक समस्याओं से जोड़ते हैं और उन्हें समाधान का सक्रिय भागीदार बनाते हैं।” उन्होंने छात्रों को सामाजिक कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया।

पुस्तक नहीं, जीवन से जुड़ो: मानसपुत्र संजय कुमार झा

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, मानसपुत्र संजय कुमार झा ने छात्रों को एनईपी 2020 की मूल भावना, सामाजिक विकास मॉडल और राष्ट्र निर्माण में एनजीओ की निर्णायक भूमिका पर गहन मार्गदर्शन दिया। उन्होंने एनजीओ को “राष्ट्र निर्माण की तीसरी शक्ति” बताते हुए कहा कि,

“एनजीओ समाज की जड़ों तक जाते हैं, समस्याओं को समझते हैं और भूमि से जन्मे समाधानों को आकार देते हैं। नई शिक्षा नीति का सार भी यही है— छात्रों को पुस्तक नहीं, जीवन से जोड़ो; सिद्धांत नहीं, अनुभव से जोड़ो।”

उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि आज भारत में एनजीओ — शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, पर्यावरण, महिला एवं बाल कल्याण, तकनीकी कौशल और सामाजिक न्याय सहित लगभग सभी क्षेत्रों में राष्ट्र निर्माण की सबसे सक्रिय शक्ति बन चुके हैं।

200 प्रोजेक्ट्स के उदाहरणों से छात्रों को किया प्रेरित

श्री झा ने लगभग 200 व्यावहारिक उदाहरणों के माध्यम से बताया कि कॉलेज के छात्र स्वयं कौन-कौन से छोटे और प्रभावी सामाजिक प्रोजेक्ट्स चला सकते हैं। इनमें डिजिटल साक्षरता मिशन, प्लांटेशन ड्राइव, महिला सुरक्षा अभियान, स्वास्थ्य कैंप, मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग, साइबर सुरक्षा जागरूकता, और ग्रामीण नवाचार मॉडल आदि शामिल थे।

उन्होंने छात्रों में सामाजिक जिम्मेदारी की भावना भरते हुए कहा कि, “हर छात्र यदि वर्ष में केवल एक सामाजिक प्रोजेक्ट अपनाए तो भारत अगले 10 वर्षों में विश्व का सबसे संगठित, जागरूक, शिक्षित और सशक्त समाज बन सकता है।”

इंटर्नशिप और कम्युनिटी एंगेजमेंट पर ज़ोर

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने भाग लिया और एनजीओ सेक्टर में इंटर्नशिप, प्रशिक्षण एवं काउंसलिंग में गहरी रुचि दिखाई। प्रेम यूथ फाउंडेशन ने घोषणा की कि नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत विभिन्न कॉलेजों में निरंतर एक्सपोजर विजिट एवं एनजीओ–कम्युनिटी एंगेजमेंट कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

अंत में, श्री प्रेम कुमार एवं मानसपुत्र संजय कुमार झा ने एक संयुक्त संदेश में कहा कि, “राष्ट्र निर्माण सरकार का अकेला कार्य नहीं है। राष्ट्र निर्माण हर नागरिक, हर युवा और हर एनजीओ का पवित्र कर्तव्य है।”

इस अवसर पर एनजीओ हेल्पलाइन की कार्यकारी समन्वयक मैडम अनवारा अली, मुख्य प्रबंधक सोनू कुमार पटेल, कार्यपालक अधिकारी श्री एनके सिंह राणा, प्रेम यूथ फाउंडेशन के कार्यक्रम अधिकारी, रवि प्रकाश, मीडिया प्रभारी सुश्री क्वीन, संपर्क समन्वयक अमृत राज आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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