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अंतरराष्ट्रीय सम्मान से नवाजे गए हैं - बिहार के “पंडित शम्भू नाथ झा”

अंतरराष्ट्रीय सम्मान से नवाजे गए हैं - बिहार के “पंडित शम्भू नाथ झा”

दिव्य रश्मि के उपसम्पादक जितेन्द्र कुमार सिन्हा की कलम से |

मानव सेवा, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण में अद्वितीय योगदान देने वाले पंडित शम्भू नाथ झा ने न सिर्फ बिहार का बल्कि पूरे भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर रोशन किया है। सामाजिक, रचनात्मक और आध्यात्मिक कार्यों में उनकी निरंतर सक्रियता और उत्कृष्ट सेवाओं के कारण उन्हें भारत के साथ-साथ अजरबैजान, वियतनाम और मलेशिया जैसे देशों में भी प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह उपलब्धि उनके समर्पण, सेवा भावना और बहुआयामी प्रतिभा का साक्षात प्रमाण है।

पंडित शम्भू नाथ झा की पहचान एक प्रतिष्ठित फेस रीडर, वैदिक आचार्य और समाजसेवी के रूप में होती है। उनके कार्य न केवल व्यक्तिगत जीवन को सकारात्मक दिशा देता है, बल्कि समाज में भी जागरूकता और प्रेरणा का स्रोत बनता है।

अजरबैजान, वियतनाम और मलेशिया में उन्हें मिले सम्मान इस बात को सिद्ध करता है कि भारतीय ज्ञान परंपरा और मानवीय मूल्यों को लेकर उनका योगदान सीमाओं से परे जाकर भी लोगों के जीवन को प्रभावित करता है।

अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों से पहले भी पंडित शम्भू नाथ झा को भारत में कई प्रतिष्ठित मंचों पर सम्मान मिल चुका है। ओडिशा सरकार के प्रधान सचिव संजय कुमार सिंह ने उन्हें उनके सामाजिक व आध्यात्मिक कार्यों के लिए सम्मानित किया।

बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने उन्हें फेस रीडिंग और रुद्राभिषेक के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए ‘जीनियस अवार्ड’ प्रदान किया।

पिछले वर्ष उन्हें संस्कार संस्कृति संरक्षण समिति द्वारा प्रतिष्ठित ‘ऋषि सम्मान 2024’ दिया गया, जो उनके ज्ञान, तप, और संस्कृति संरक्षण में निरंतर कार्य को दर्शाता है।

इन सम्मानों से यह स्पष्ट है कि पंडित शम्भू नाथ झा की पहचान सिर्फ एक पंडित या फेस रीडर तक सीमित नहीं है, बल्कि वे मानवता की सेवा और संस्कृति संरक्षण के दायरे में एक व्यापक भूमिका निभा रहे हैं।

पंडित शम्भू नाथ झा ने वर्षों से समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी ऊर्जा और समय लगाकर लोगों का मार्गदर्शन किया है। चाहे किसी व्यक्ति के जीवन की उलझन हो, किसी परिवार की समस्या, या आध्यात्मिक मार्गदर्शन। उन्होंने हमेशा सकारात्मक समाधान और प्रेरणा देने का कार्य किया है।

रुद्राभिषेक, वैदिक अनुष्ठानों और मंत्र उच्चारण की शुद्धता के लिए वह देशभर में जाने जाते हैं। उनकी आवाज और मंत्रों की शक्ति अनेक लोगों के लिए संबल और शांति का स्रोत बनी है।

आज जब भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता वैश्विक मंच पर अपने योगदान का अहसास करा रही है, ऐसे समय में पंडित शम्भू नाथ झा जैसे व्यक्तित्व इस विरासत को और ऊंचाई देता है। उनका अंतरराष्ट्रीय सम्मान युवा पीढ़ी के लिए न सिर्फ प्रेरणास्रोत है, बल्कि इस बात का संदेश भी है कि समर्पण, ज्ञान और सेवा, इन तीनों के माध्यम से कोई भी व्यक्ति वैश्विक मान्यता प्राप्त कर सकता है।

निस्संदेह, पंडित शम्भू नाथ झा की यह उपलब्धि आने वाले समय में भी समाज और संस्कृति के मार्गदर्शन की नई रोशनी बनकर उदित होता रहेगा।

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