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वंदे मातरम गीत के 150 वर्ष पूर्ण होने पर विद्या भारती दक्षिण बिहार प्रांतीय कार्यालय में हुआ भावपूर्ण आयोजन, देशभक्ति, श्रद्धा और मातृभूमि के प्रति समर्पण का अनूठा उदाहरण

वंदे मातरम गीत के 150 वर्ष पूर्ण होने पर विद्या भारती दक्षिण बिहार प्रांतीय कार्यालय में हुआ भावपूर्ण आयोजन, देशभक्ति, श्रद्धा और मातृभूमि के प्रति समर्पण का अनूठा उदाहरण

पटना, 7 नवम्बर 2025:—
भारतीय राष्ट्रीय चेतना के अमर प्रतीक एवं मातृभूमि के प्रति अटूट प्रेम के भाव से ओतप्रोत ‘वंदे मातरम’ गीत के रचनाकार बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय की अनुपम कृति ‘आनंदमठ’ में इस गीत के प्रकाशित होने के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आज विद्या भारती दक्षिण बिहार प्रांतीय कार्यालय, कदमकुआं, पटना में एक अत्यंत श्रद्धा एवं उत्साहपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर भारती शिक्षा समिति, बिहार के प्रांतीय सचिव श्री प्रदीप कुमार कुशवाहा जी ने वंदना सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ‘वंदे मातरम’ केवल एक गीत नहीं, बल्कि यह भारत माता के प्रति समर्पण, आदर और प्रेम की सजीव अनुभूति है। उन्होंने कहा — “यह गीत हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्रतीक है, जिसने स्वतंत्रता संग्राम के समय हर भारतीय के हृदय में जोश और आत्मबल का संचार किया। हम सभी अत्यंत सौभाग्यशाली हैं कि ऐसे देश में जन्मे, जिसकी मातृभूमि की वंदना करने का सौभाग्य हमें मिला है।”

उन्होंने आगे कहा कि आज के दिन केवल प्रांतीय कार्यालय में ही नहीं, बल्कि विद्या भारती से सम्बद्ध सभी विद्यालयों में भी ‘वंदे मातरम’ गायन कार्यक्रम बड़े हर्षोल्लास और अनुशासन के साथ संपन्न हो रहे हैं। यह आयोजन विद्यार्थियों और शिक्षकों में राष्ट्रभक्ति की भावना को और प्रबल बनाने का माध्यम बना है।

कार्यक्रम के दूसरे चरण में परीक्षा विभाग के मार्गदर्शक श्री रामेशमणि पाठक जी ने ‘वंदे मातरम’ गीत की प्रत्येक पंक्ति का अर्थ अत्यंत भावपूर्ण ढंग से व्याख्यायित किया। उन्होंने बताया कि इस गीत की प्रत्येक पंक्ति में निहित अर्थ भारत माता की प्राकृतिक समृद्धि, शक्ति, सौंदर्य और मातृत्व की अलौकिक छवि को प्रकट करता है। उन्होंने कहा — “यह गीत केवल एक गान नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, हमारी अस्मिता और हमारी राष्ट्रीय आत्मा का अभिन्न अंग है।”

अंत में, कार्यक्रम का समापन अत्यंत प्रेरणादायक क्षण के साथ हुआ, जब प्रांतीय सचिव श्री प्रदीप कुमार कुशवाहा जी ने स्वयं ‘आरम’ एवं ‘दक्ष’ देकर सभी कार्यकर्ताओं, शिक्षकों एवं उपस्थित सदस्यों को खड़े होकर वंदे मातरम गायन के लिए प्रेरित किया। पूरे प्रांगण में ‘वंदे मातरम’ के स्वर गूंज उठे, जिससे वातावरण देशभक्ति और श्रद्धा से परिपूर्ण हो गया।

इस अवसर पर कार्यालय के समस्त कार्यकर्ता, शिक्षकगण, शिक्षण विभाग के सदस्य एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर से कहा कि वंदे मातरम केवल इतिहास नहीं, बल्कि आज भी हमारे राष्ट्र की आत्मा में गूंजता अमर गीत है।

कार्यक्रम का संचालन सुसंस्कृत वातावरण में किया गया और अंत में भारत माता की जय के नारों से सभागार गुंजायमान हो उठा।

— संवाददाता,दिव्य रश्मि न्यूज़, पटना
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