पौराणिक शक्तिपीठ श्री छोटी पटन देवी जी

भारत के 51शक्तिपीठों में एक नाम पटना अवस्थित श्री छोटी पटन देवी को जाता है।यह धार्मिक, ऐतिहासिक और पौराणिक शक्तिपीठ है।इस उपासना स्थल में महाकाली ,महासरस्वती और महालक्ष्मी जी विराजमान हैं।इस नगर के अंदर दो नगर रक्षिका मंदिर है _पहला पटना अवस्थित श्री बड़ी पटन देवी जो नगर के पश्चिम भाग में है तथा दूसरा पटना सिटी अवस्थित श्री छोटी पटन देवी जो नगर के पूर्व भाग में है।श्री छोटी पटन देवी में देवी भगवती व चूड़ामणि सती का पट गिरा था। जिसका पुराणों में उल्लेख है। इसी कारण इसका नामकरण पटन देवी पड़ा। भारतवर्ष में जहां_ जहां सती का अंग गिरा,वही शक्तिपीठ के रूप में विख्यात हुई। ऐसी धारणा है कि यहां जो भक्त श्रद्धापूर्वक इनकी पूजा_अर्चना करते हैं।उनकी हर मनोकामनाएं मां अवश्य पूर्ण करती हैं।ऐसे कई उदाहरण विद्यमान हैं।
यहां शारदीय नवरात्र और चैत्र नवरात्र में मां की पूजा धूमधाम से की जाती है।यहां चारों नवरात्र होने की प्रथा सदियों से चली आ रही है। जिसमें दो प्रत्यक्ष व दो गुप्त पूजा होती है।इस मंदिर में महीना के प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को भजन_कीर्तन किए जाते हैं।यह परम्परा कई वर्षों से होता आ रहा है।धन्य है वो भक्त जो यहां शीश नवाते हैं। मां के दरबार में कोई भक्त खाली नहीं लौटता ।यहां नारियल चढ़ाने का विधान है। यहां नवरात्र वैदिक और तांत्रिक विधि से विशेष पूजा _ आराधना की जाती है। रोज़ 8से 10मिनट मंदिर कपाट (द्वार)
बंद कर उपासना की जाती है।अष्टमी की रात्रि में 12बजे महानिशा पूजा करने की चलन सदियों से चली आ रही है। इसी क्रम में मां भगवती का पट खुल जाता है।इसके बाद श्रद्धालु मां के दर्शन और पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि माता पूजा के दौरान नगर में अवश्य भ्रमण करती हैं तथा भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। इस प्रकार श्री छोटी पटन देवी शक्तिपीठ एवं नगर रक्षिका के रूप में नगर में विराजमान रहती हैं।यह आस्था और निष्ठा के धार्मिक स्थलों में एक मानी जाती है।
बदलते समय में शक्तिपीठों एवं मंदिरों के स्वरूप में परिवर्तन होते रहे हैं,लेकिन इनकी प्राचीनता और आस्था भंग नहीं होनी चाहिए। श्री छोटी पटन देवी शक्तिपीठ में मंदिर के निर्माण और विकास कार्य चल रहे हैं। सिद्ध शक्तिपीठ श्री छोटी पटन देवी के पीठाधीश आचार्य अभिषेक अनन्त द्विवेदी बताते हैं कि यहां एक साथ 51शक्तिपीठों की मूर्तियों की स्थापना प्रथम तल पर की जाएगी, जो अविस्मरणीय और अनुकरणीय होगी।श्री छोटी पटन देवी की सेवा इनकी 15वीं पीढ़ी कर रही है। श्री छोटी पटन देवी जी गौ मानस सेवा संस्थानम् के अध्यक्ष बाबा विवेक द्विवेदी ने बताया कि इस मंदिर का तीन मंजिला निर्माण होगा। कोरोना के कारण मंदिर का कार्य बाधित हुआ,लेकिन श्रद्धालुओं के सहयोग जारी हैं,जिससे मंदिर के कार्य पुनः चल रहे हैं।मंदिर के द्वितीय तल पर दस महाविद्या और तंत्र साधना की स्थापना होगी तथा तृतीय तल पर शीर्ष कलश और 108फुट ध्वज होंगे।
मंदिर में मंगल मंडपम् संस्था द्वारा निर्धन कन्याओं के विवाह किए जाते हैं।इस मंदिर के अंतर्गत गुरुकुलम् विद्यालय है, जिसमें संस्कृत माध्यम से संस्कृत,व्याकरण,ज्योतिष इत्यादि विषयों की शिक्षा दी जाती है।शिक्षा में जाति विभेद नहीं है।बाबा अभिषेक अनन्त द्विवेदी के संचालन में विद्यालय चलता है। यहां गोशाला की भी व्यवस्था है।इसके दूध मंदिर के उपयोग में आते हैं।ऐसे सभी संस्थाएं पीठाधीश अभिषेक अनन्त द्विवेदी के अधीन हैं, लेकिन सहयोग सभी के रहते हैं।
श्री छोटी पटन देवी पटना सिटी पहुंचने का प्रथम मार्ग अशोक राजपथ से आने पर चौक थाना क्षेत्र के हाजीगंज से संपर्क पथ से सिर्फ 100फुट अंदर गली में मंदिर है।द्वितीय मार्ग पटना साहिब स्टेशन से चौक शिकारपुर,मंगल तालाब मोड़ से होते हुए काली स्थान रोड से श्री छोटी पटन देवी आसानी से पहुंच सकते हैं।
इस प्रकार नगर रक्षिका श्री छोटी पटन देवी हम श्रद्धालुओं की रक्षा करती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। श्री छोटी पटन देवी को नमन, जय माता।
दुर्गेश मोहन
बिहटा, पटना (बिहार)
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