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रावण दहन

रावण दहन

जय प्रकाश कुवंर
दुष्टों, पापियों और राक्षसों की बात करें,
तो सत्ययुग से लेकर कलियुग तक,
इस धरती पर अनेक ऐसे पैदा हुए,
जिनका नाम घृणा से लिया जाता है।
हिरण्याक्ष, हिरण्यकश्यप, रक्तबीज,
जालंधर, अंधक, बकासुर, कंस,
जरासंध कलि और महिषासुर आदि का नाम,
इन सब पात्रों में,
रावण, कुम्भकर्ण के साथ प्रमुखता से आता है।।
अपनी राक्षसी प्रवृत्ति, अदम्य शक्ति,
घोर पाप और अत्याचार के कारण,
इन सबका नाम इतिहास में अमर है।
राक्षस रूप में पैदा होते हुए भी ,
शक्तिशाली और पंडित ज्ञानी होने के कारण,
इन सबसे राक्षस राज रावण का नाम अलग है।।
दुर्गापूजा दशहरा में मूर्ति रूप में,
महिषासुर का वध माँ दुर्गा के हांथों दिखाया जाता है।
लेकिन पंडित, ज्ञानी होने के बावजूद भी,
सीता हरण और राम विमुख होने के कारण,
रावण को पुतले रूप में ,दशहरे के दिन,
खुले मैदान और अपार भीड़ के बीच,
हर साल जलाया जाता है।। 
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