Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

भैया दूज

भैया दूज


डॉ उषाकिरण श्रीवास्तव
भैया दूज एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को दर्शाता है। यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, जो आम तौर पर दिवाली के दो दिन बाद पड़ता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
भैया दूज का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है। यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते की अहमियत को दर्शाता है और उन्हें एक दूसरे के प्रति अपने प्यार और सम्मान को व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं और भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं।
भैया दूज की कथा यमराज और उनकी बहन यमुना से जुड़ी हुई है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए थे और यमुना ने उनका तिलक किया था। इस दिन को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।
भैया दूज की पूजा विधि बहुत ही साधारण है, लेकिन इसमें कई महत्वपूर्ण चरण शामिल हैं। इस दिन बहनें सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं और नए कपड़े पहनती हैं। इसके बाद, वे अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
भैया दूज के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाने के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें और पूजा विधि का पालन करें। साथ ही, इस दिन बड़ों का सम्मान करना और उनका आशीर्वाद लेना भी बहुत महत्वपूर्ण है।
भैया दूज का संदेश बहुत ही सुंदर है। यह त्योहार हमें भाई-बहन के रिश्ते की अहमियत को समझाता है और हमें एक दूसरे के प्रति अपने प्यार और सम्मान को व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है। इस त्योहार के माध्यम से हम अपने परिवार के बंधनों को मजबूत कर सकते हैं और एक दूसरे के साथ अपने रिश्तों को और भी गहरा बना सकते है।
भैया दूज 2025 की तिथि और समय इस प्रकार है: 23 अक्टूबर 2025। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाने के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें और पूजा विधि का पालन करें।


भैया दूज एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को दर्शाता है। यह त्योहार हमें भाई-बहन के रिश्ते की अहमियत को समझाता है और हमें एक दूसरे के प्रति अपने प्यार और सम्मान को व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है। इस त्योहार के माध्यम से हम अपने परिवार के बंधनों को मजबूत कर सकते हैं और एक दूसरे के साथ अपने रिश्तों को और भी गहरा बना सकते हैं।
मुजफ्फरपुर, बिहार
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ