Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

छठ महापर्व : प्रभात अर्घ्य और पारण

छठ महापर्व : प्रभात अर्घ्य और पारण

✍️डॉ. रवि शंकर मिश्र "राकेश"


कांचन किरणों में नहाए घाट,
अर्घ्य समर्पित जलमय।
सूरज उगे तो झुके ललाट,
गायन गूंजे रसमय॥


सिंदूर रचे अरुणा अंचल,
गंगा करे उजियारा।
आरती धरे सकल संसार,
जागे सुरभित ध्याना॥


करवा में दीप जले अनुराग,
थाली सजे प्रसादम।
भक्तिन की आँख भरे उमंग,
बिखरा छटा विहंगम।।

अर्घ्य पचरा के संग पूर्ण,
छूते जल में अंबर।
पारण समय हृदय अभिनंदन,
हरषित हो जग सुंदर॥
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ