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कवियों को सच कहने की शक्ति और मन में मंगल भाव दे माँ !

कवियों को सच कहने की शक्ति और मन में मंगल भाव दे माँ !

  • साहित्य सम्मेलन में स्थापित माँ की प्रतिमा के समक्ष अध्यक्ष ने की प्रार्थना, हवन-यज्ञ में दी आहूति

पटना, १ अक्टूबर । समस्त चराचर में ऊर्जा और तेज के रूप में स्थित महादेवी आपको नत-विनत प्रणाम करते हुए प्रार्थना करता हूँ कि संसार के समस्त कवियों को सच कहने की शक्ति और सबके मन में समस्त प्राणियों और पृथ्वी के लिए मंगल-भाव प्रदान करें! सर्वत्र शांति हो! लोग धर्म और कर्म का सही अर्थ समझें, ऐसी कामना और प्रेरणा दे, जिससे यह धरा मनुष्यों और सभी जीवों के लिए आनंदकरी बन जाए ! अनिष्टकारी शक्तियों का नाश और मनुजता की जय हो !
बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में स्थापित देवी-प्रतिमा के नीचे कर-बद्ध खड़े होकर यह प्रार्थना सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने की। उन्होंने कहा कि सभी मनुष्यों में वही देवी शक्ति समेत अनेक रूपों में स्थित है। नौ दिनों के इस विशेष अनुष्ठान में माता की कृपा प्राप्त कर मनुष्य अपनी उन्हीं अंतर्निहित शक्तियों का जागरण करता है, कि जिससे वह अपने भीतर स्थित ईर्ष्या, द्वेष, लोभ, मोह और अहंकार नामक राक्षसी प्रवृत्तियों पर विजय प्राप्त कर सके। उसके हृदय में प्रेम, करुणा और मंगल-भाव समृद्ध हों, जो जीवन को गुणवत्तापूर्ण, आनन्द-प्रद और कल्याणकारी बनाते हैं ।
बुधवार के तीसरे पहर शुभ मुहूर्त में पूजनोपरांत हवन-यज्ञ संपन्न हुआ, जिसमें डा सुलभ के साथ, मुख्य यज्ञमान कृष्ण मोहन प्रसाद, सम्मेलन की उपाध्यक्ष डा मधु वर्मा, अर्थ मंत्री कुमार अनुपम,पूजा समिति के अध्यक्ष राघवेंद्र प्रसाद सिंह, सचिव सुनील कुमार सिंह, डा अमरनाथ प्रसाद, अनिल कुमार वर्मा, सुधीर कुमार मंटू, मुकुल शाह, राज कुमार सिंह, हिमांशु शेखर, आशीष कुमार, संतोष कुमार, वर्षा कुमारी आदि ने भी आहुतियाँ अर्पित कीं। स्मरणीय है कि सम्मेलन-भवन में विगत ८७ वर्षों से महादेवी दुर्गा की प्रतिपा स्थापित की जा रही है। अपने शिल्प की दृष्टि से यह नगर में स्थापित अन्य मूर्तियों से भिन्न है।

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