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किंजल्क पीला फूल की ही धूल होताहै।

किंजल्क पीला फूल की ही धूल होताहै।

डॉ. मेधाव्रत शर्मा, डी•लिट•
(पूर्व यू.प्रोफेसर)
किंजल्क पीला फूल की ही धूल होताहै।
चूमे हवा ही तो शिग़ुफ़्ता फूल होता है।
नामोतलत तो सिर्फ है तारीफ कामत की ,
सही में तोआदमी रूहे मकबूल होता है ।
खार से ही तो है गुलाब का उन्वान,
नाम शिव का शूली बाशूल होता है।
अभी तो बाकी बहुत इंसान ही होना,
आदमी तो अस्ल मे ग़फ़ूर होता है।
इस खल्क में अच्छा नहीं कुछ भी नहीं बुरा,
गुल से कभी तो कारगर बबूल होता है ।
(ग़फ़ूर =ईश्वर का एक नाम)
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