अक्टूबर 2025 के कुछ महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार
हर हर महादेव!!
मैं आप सबको और आप सबके हृदय में विराजमान ईश्वर को प्रणाम करता हूं और धन्यवाद करता हूं। अंग्रेजी कैलेंडर के 2025 के अक्टूबर महीने में भारतीय विक्रम संवत पंचांग के अनुसार अश्विन और कार्तिक महीना सम्मिलित है। आश्विन का महीना मां भगवती, आदिशक्ति जगदंबा, मां दुर्गा को समर्पित होता है। जबकि कार्तिक का महीना भगवान कार्तिकेय को समर्पित होता है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु 4 महीने की योग निद्रा समाप्त करके जागृत होते हैं। जिसे देवोत्थान एकादशी के नाम से जाना जाता है और इस दिन से चातुर्मास समाप्त हो जाता है। सभी मांगलिक और शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। कार्तिक महीने मैं होने वाला सूर्य षष्ठी अर्थात छठ व्रत बिहार, उत्तर प्रदेश होते हुए समस्त संसार में प्रसिद्ध हो गया है।
7 अक्टूबर 2025 ई तक आश्विन शुक्ल पक्ष होगा। उसके पश्चात 8 अक्टूबर 2025 से 5 नवंबर 2025 ई तक कार्तिक का महीना होगा।
8 अक्टूबर 2025 से 21 अक्टूबर 2025 तक कार्तिक माह का कृष्ण पक्ष होगा। 7 अक्टूबर 2025 को प्रतिपदा तिथि का क्षय हो जाने के कारण कार्तिक कृष्ण पक्ष 14 दिनों का हो गया है। जबकि 22 अक्टूबर 2025 से 5 नवंबर 2025 तक कार्तिक शुक्ल पक्ष पूरे 15 दिनों का है। कार्तिक शुक्ल पक्ष में तीन बुधवार पड़ रहे हैं। जो बहुत ही शुभ फल कारक है। अश्विन और कार्तिक माह के अधिपति देवी देवताओं को नमन करते हुए लिए चर्चा आरंभ करते हैं अक्टूबर 2025 के कुछ महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों के बारे में।
1 अक्टूबर बुधवार को महानवमी का व्रत होगा। शाम 7:01 पर दशमी तिथि का प्रवेश हो जाने के कारण आज पिछले 9 दिनों से चले आ रहे हैं शारदीय नवरात्र के व्रत का पारण अपराहन काल में कर लेना चाहिए।
2 अक्टूबर गुरुवार को विजयदशमी का त्यौहार पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया जाएगा। सभी दुर्गा पंडालों में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा का जल में विसर्जन कर दिया जाएगा आज प्रसिद्ध संत श्री माधवाचार्य जी का जन्म उत्सव मनाया जाएगा। आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्मदिन भी मनाया जाएगा। भारत के भूतपूर्व यशस्वी प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म दिवस भी आज मनाया जाएगा।
3 अक्टूबर शुक्रवार को पापांकुशा एकादशी का व्रत गृहस्थ और वैष्णव दोनों के लिए सर्वमान्य होगा। आज काशी के नाटी इमली स्थान पर भारत मिलाप का कार्यक्रम धूमधाम से किया जाएगा।
4 अक्टूबर शनिवार को शनि प्रदोष व्रत होगा।
6 अक्टूबर सोमवार को व्रत की पूर्णिमा होगी। आज शरद पूर्णिमा अर्थात कोजागरी पूर्णिमा का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा। आज रात्रि में चंद्रमा देवता की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। चावल की खीर बनाकर चंद्रमा को भोग लगाया जाता है और रात्रि में लक्ष्मी और कुबेर भगवान की पूजा की जाती है। आज के दिन सूर्यास्त से लेकर अगले दिन सूर्योदय तक घी का अखंड ज्योत जलाना बड़ा ही लाभकारी होता है। इससे अपार धनलक्ष्मी एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
बंगाल प्रांत में आज की रात लक्ष्मी पूजा को विशेष रूप से मनाया जाता है। जिसे लखी पूजा के नाम से भी जानते हैं। ऐसा माना जाता है कि आज के दिन माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था।
7 अक्टूबर मंगलवार को स्नान दान की पूर्णिमा होगी। आज महर्षि वाल्मीकि जी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। ज्योतिष विज्ञान में महादशा, अंतर्दशा का सूत्र देने वाले महर्षि पराशर का जन्मोत्सव भी आज मनाया जाएगा। आज भगवान श्री कृष्ण की परम भक्त मीराबाई का जन्म दिवस है।
10 अक्टूबर शुक्रवार को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत होगा। आज करवा चौथ का भी व्रत है। सुहागन स्त्रियां अपने पति के दीर्घायु की कामना से सौभाग्य सुख प्राप्त करने के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं ।कुमारी कन्याएं भावी जीवनसाथी की कामना से करवा चौथ का व्रत रखती है। रात्रि में चंद्रोदय के बाद चंद्रमा देवता को अर्घ्य अर्पित करके व्रत का पारण करती हैं।
उत्तर भारत बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल, उड़ीसा, झारखंड में शाम को 7:48 पर चंद्रमा का उदय होगा। जबकि दक्षिण और पश्चिम भारत में महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक में रात को 8:55 पर चंद्रमा का उदय होगा।
13 अक्टूबर सोमवार को अहोई अष्टमी का व्रत होगा। आज राधा जयंती भी मनाई जाएगी। राधा अष्टमी का व्रत भी आज ही होगा।
17 अक्टूबर शुक्रवार को रंभा एकादशी का व्रत गृहस्थ और वैष्णव दोनों के लिए सर्वमान्य होगा। इसे रमा एकादशी के नाम से भी जानते हैं। आज गोवत्स द्वादशी भी मनाई जाएगी।
18 अक्टूबर शनिवार को शनि प्रदोष व्रत होगा। आज धनतेरस है। भगवान धन्वंतरि का जन्म उत्सव आज श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया जाएगा। आज के दिन सोना, चांदी, बर्तन, झाड़ू, नमक, वस्त्र इत्यादि खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से माता लक्ष्मी की वर्ष पर्यंत कृपा बनी रहती है।
19 अक्टूबर रविवार को मासिक महाशिवरात्रि का व्रत होगा। आज नरक चतुर्दशी का व्रत भी होगा। आज सायं काल मेष लग्न में दक्षिण मत के अनुसार श्री संकट मोचन, बजरंगबली, हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। आज रात्रि में माता काली की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। जिसे काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है।
20 अक्टूबर सोमवार को प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व श्री हनुमान जी का दर्शन करना अत्यंत शुभ माना जाएगा। प्रदोष और रात्रि व्यापिनी अमावस्या के कारण आज दीपावली का प्रसिद्ध पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। प्रदोष काल में माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर इत्यादि की पूजा-अर्चना की जाएगी। ऐसा माना जाता है की समुद्र मंथन के समय आज के ही दिन माता लक्ष्मी समुद्र से प्रकट हुई थी।
दीपावली की पूजा अर्थात लक्ष्मी पूजा वृषभ लग्न और सिंह लग्न में श्रेष्ठ माना जाता है। वृषभ लग्न सायं काल आता है। जबकि सिंह लग्न मध्य रात्रि के बाद होता है। किंतु इस वर्ष सिंह लग्न और वृषभ लग्न की शुद्धि नहीं होने के कारण मिथुन लग्न में माता लक्ष्मी, भगवान श्री गणेश और कुबेर देवता की पूजा करना श्रेष्ठ फलदायक होगा।
21 अक्टूबर मंगलवार को स्नान दान श्राद्ध की अमावस्या होगी। आज की अमावस्या को भौमवती अमावस्या के नाम से भी जाना जाएगा। आज के ही दिन जैन धर्म के प्रवर्तक भगवान महावीर ने समाधि ली थी। जिसे महावीर स्वामी निर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
23 अक्टूबर बुधवार को काशी में गोवर्धन पूजा बड़े धूमधाम से मनाई जाएगी। आज भ्रातृ द्वितीया अर्थात भैया दूज का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।
आज कायस्थ समाज भगवान श्री चित्रगुप्त की विशेष पूजा अर्चना करते हैं। जिसमें कलम दवात की पूजा की जाती है। इसे चित्रगुप्त पूजा के नाम से जाना जाता है।
25 अक्टूबर शनिवार को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत होगा।
बिहार प्रांत का महान पर्व छठ पर्व अर्थात सूर्य षष्ठी व्रत का आरंभ आज के दिन से हो जाएगा। आज स्नान ध्यान किया जाता है। जिसे नहाए खाए के नाम से जाना जाता है। इस प्रकार आज से सूर्य षष्ठी व्रत का अनुष्ठान आरंभ हो जाएगा।
26 अक्टूबर रविवार को सूर्य षष्ठी व्रत का दूसरा दिन होगा। जिसे खरना अथवा लोहंडा के नाम से जाना जाता है। आज के दिन व्रत करने वाले सूर्योदय से सूर्यास्त तक निर्जला व्रत रखते हैं। सूर्यास्त के बाद खीर को प्रसाद के रूप में खाकर पारण करते हैं।
आज के दिन को व्यापार जगत में लाभ पंचमी के नाम से जाना जाता है। जैन धर्म में इसे ज्ञान पंचमी के नाम से जाना जाता है। कहीं-कहीं इसे सौभाग्य पंचमी और पांडव पंचमी के नाम से भी जाना जाता है।
27 अक्टूबर सोमवार को सूर्य षष्ठी व्रत अर्थात छठ व्रत का तीसरा दिन होगा। आज निर्जला व्रत रखते हुए व्रत करने वाले अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को सायं काल अर्घ्य देकर पूजा अर्चना करते हैं और पूरी रात निर्जला व्रत धारण करते हैं।
28 अक्टूबर मंगलवार को सूर्य षष्ठी व्रत अर्थात छठ व्रत का चौथा दिन होगा। आज के दिन सूर्योदय के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के बाद व्रत का पारण किया जाता है। इस प्रकार चार दिनों से चला आ रहा सूर्य षष्ठी व्रत का अनुष्ठान आज प्रातः काल भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद समाप्त हो जाएगा। आज सहस्त्रार्जुन अर्थात भगवान सहस्त्रबाहु का जन्म उत्सव मनाया जाएगा जयसवाल समाज में सहस्त्र अर्जुन की विशेष पूजा अर्चना की जाती है।
29 अक्टूबर बुधवार को गोपाष्टमी का व्रत होगा। यदुवंशी समाज आज के दिन गायों की विशेष पूजा करते हैं।
30 अक्टूबर गुरुवार को अक्षय नवमी का पुण्य पवित्र पर्व मनाया जाएगा। आज के दिन आंवला वृक्ष के नीचे स्वादिष्ट पकवान बनाकर ब्राह्मणों को भोजन कराकर दक्षिणा देकर स्वयं भोजन करने का विधान है। आज के दिन आंवला वृक्ष की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। शास्त्रीय मान्यता यह है कि आज के दिन आंवला वृक्ष की जड़ में भगवान विष्णु प्रसन्नतापूर्वक निवास करते हैं। अक्षय नवमी की पूजा करने से आंवला वृक्ष की पूजा करने से माना जाता है कि व्यक्ति को मरणोपरांत वैकुंठ लोक प्राप्त होता है।
अक्षय नवमी के पावन अवसर पर गुप्त दान करना भी श्रेष्ठ फलदायक होता है।
*विशेष टिप्पणी:*
11 अक्टूबर शनिवार को सुबह 10:51 के बाद भगवान सूर्य चित्रा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे। जिसके कारण वर्ष कम हो जाएगी। तेज वर्षा से लोगों को राहत मिलेगी।
17/18 अक्टूबर शुक्रवार की रात 3:59 पर भगवान सूर्य तुला राशि में प्रवेश कर जाएंगे। जहां पर वह एक महीने तक नीच राशि में विराजमान रहेंगे।
इति शुभमस्तु!! लेखक:रवि शेखर सिन्हा उर्फ आचार्य मनमोहन। ज्योतिष मार्तंड एवं जन्म कुंडली विशेषज्ञ।
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