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माँ का उपकार

माँ का उपकार

करो उपकार खुद पर तुम
रोज माँ के दर्शन करके।
तेरी श्रध्दा और भक्ति से
खुले भाग्य तेरे मानव।
रखो विश्वास माँ पर तुम
तुझे शुभ फल ही मिलेगा।
नवरात्रि में करके पूजा
तेरा मनोबल बढ़ेगा।।


जिसे दिखते है माँ के रूप
उसका कल्याण निश्चित है।
नौ रूपो में माँ का
तुम्हें गुण गाना करना है।
जो श्रध्दा और भक्ति से
कर पाये नौ दिन पूजा।
तो जन्मों जन्मों तक
तुम्हें मिलता रहेगा फल।।


कहते है इन दिनों में माँ
भृमण करती है पृथ्वी का।
जो अपने बच्चों पर
बरसती है सदा कृपा।
जिससे बच्चों का भी
मातृ प्रेम बढ़ रहता है।
और माँ-बेटे के रिश्तों की
बंधी रहती है डोर।।


जय जिनेंद्र, जय माता दी
संजय जैन "बीना" मुंबई

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