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"संवेदनशीलता : सरलता में महानता"

"संवेदनशीलता : सरलता में महानता"

पंकज शर्मा
संवेदनशील व्यक्ति किसी भी समाज की वास्तविक शक्ति एव आधारशिला होते हैं। उनकी अंतःचेतना में प्रेम, करुणा एवं सहानुभूति का ऐसा अदृश्य भंडार होता है, जो उन्हें दूसरों से भिन्न एवं श्रेष्ठ बनाता है। वे जीवन की छोटी-छोटी बातों में भी गहन अर्थ एवं सौंदर्य ढूँढ लेते हैं, जिससे उनका दृष्टिकोण अधिक मानवीय एवं गहन बन जाता है। उनके लिए सच्चाई एवं निष्ठा केवल शब्द नहीं, बल्कि जीवन की धुरी होते हैं। यही कारण है कि वे जहाँ भी रहते हैं, वहाँ विश्वास एवं अपनापन स्वतः ही प्रस्फुटित होता है। वास्तव में उनकी संवेदनशीलता ही उन्हें विशिष्ट बनाती है एवं उनकी उपस्थिति से समाज में मधुरता एवं ऊष्मा बनी रहती है।


संवेदनशील व्यक्तियों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे दूसरों के दुःख-दर्द को गहराई से महसूस करते हैं एवं उन्हें दूर करने का प्रयास करते हैं। उनका कोमल हृदय दूसरों की पीड़ा का बोझ उठाकर भी अपने भीतर धैर्य एवं सौम्यता बनाए रखता है। ऐसे लोग हमें यह संदेश देते हैं कि जीवन की वास्तविक सार्थकता बाहरी वैभव, पद या प्रतिष्ठा में नहीं, बल्कि आत्मा की निर्मलता एवं करुणा में है। वे हमें सिखाते हैं कि सरलता ही महानता है एवं मानवीयता ही जीवन का परम धर्म। इस प्रकार संवेदनशील व्यक्तियों की उपस्थिति समाज को न केवल संतुलित बनाती है, बल्कि उसे अधिक मानवीय, अधिक उज्ज्वल एवं अधिक सुगंधित भी करती है।


. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार)

पंकज शर्मा
(कमल सनातनी)
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