शिक्षक दिवस: 'शिक्षक ही जीवन के सच्चे निर्माता'
जहानाबाद। शिक्षक दिवस उत्साह और सम्मान के साथ महान दार्शनिक और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है, जिन्होंने शिक्षा को समाज और राष्ट्र की प्रगति का आधार माना था। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में साहित्यकार और इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि शिक्षक ही जीवन को सही दिशा देने वाले "सृजनात्मक मार्ग के द्योतक" होते हैं। श्री पाठक ने शिक्षकों को जीवन का निर्माता बताते हुए कहा, "माता-पिता हमें जन्म देते हैं, लेकिन जीवन को सही दिशा देने का काम हमारे गुरु ही करते हैं।" उन्होंने इस दिन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षक केवल किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि अच्छे संस्कार, अनुशासन और जीवन के मूल्यों को भी सिखाते हैं। उन्होंने शिक्षकों को "वह दीपक" बताया जो स्वयं जलकर दूसरों के जीवन में रोशनी भरते हैं। इस खास दिन को यादगार बनाने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों ने कविता, भाषण, नाटक और गीतों के माध्यम से अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त किया। यह दिन छात्रों और समाज को यह संदेश देता है कि शिक्षकों का सम्मान करना और उनकी शिक्षाओं को अपनाना हमारी जिम्मेदारी है। कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों ने डॉ. राधाकृष्णन के विचारों को याद करते हुए शिक्षकों के अमूल्य योगदान और त्याग को सलाम किया।
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