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माँ कालरात्रि कल्याण करें!

माँ कालरात्रि कल्याण करें!

      ✍️ डॉ. रवि शंकर मिश्र "राकेश"

काल की रेखा को जो लांघ जाए,

जो अंधकार में दीप जलाए,

प्रलय की ज्वाला में जो मुस्काए,

वो माँ कालरात्रि,भय को हर जाए।

जय मां कालरात्रि! जय मां कालरात्रि!!


नभ में घनघोर घटाएं छाईं,

धरा काँपे, दिशाएँ सिहराईं,

पर जिनकी हुंकार से तांडव थमे,

वो शक्ति, माँ तेरी ही छाया बने।

जय मां कालरात्रि! जय मां कालरात्रि!!


केश बिखरे, रक्त नयन प्रबल,

कर में खड्ग, कर में त्रिशूल अचल,

भक्तों के दुख हरने वाली,

रक्षक भी तू, विनाशिनी काली।

जय मां कालरात्रि! जय मां कालरात्रि!!


चरणों में जिनके ब्रह्म नतमस्तक,

शिव भी जपते वो नाम शुभ शक्त,

ममता में भी अग्नि सम धार,

भक्तों के लिए करें, दुष्टों का संहार।

जय मां कालरात्रि! जय मां कालरात्रि!!


रात्रि की रानी, तेजस्विनी माता,

भय को मिटा दे, वो काल का ज्ञाता,

जो तुझ को नमन करे निष्ठा से,

उसका हर संकट कटे तुझी से।

जय मां कालरात्रि! जय मां कालरात्रि!!

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