नवदुर्गा की द्वितीया छाया
✍️ डॉ रवि शंकर मिश्र "राकेश"नवदुर्गा की द्वितीया छाया,
माता ब्रह्मचारिणी कहलाई,
व्रत तप की अद्भुत मूरत,
धैर्य, ज्ञान की ज्योति जगाई।
कमल चरण, रुद्राक्ष जपमाला,
दाएँ कर में कमंडल प्यारा,
साधना की साक्षात देवी,
तप की ज्वाला में चमका तारा।
शांत मुद्रा, तेज अपार,
मन में भक्ति, नेत्रों में प्यार,
हर कठिनाई को सह जातीं,
माँ ब्रह्मा से वर पातीं।
गुरु संकल्प, धर्म का बल,
माँ ने किया कठिन तप अमल,
शिव पाने की लगन निराली,
कांटे राहें, पर न डगमग डाली।
तपस्या की जीवित प्रतिमा,
आदर्श हर नारि की सीमा,
जो माँ को सच्चे मन से ध्याये,
वह जीवन का सत्य पाए।
चलो करें हम ध्यान उसी का,
जो शांत रखे हर संकट में,
माँ ब्रह्मचारिणी की महिमा गाएं,
हर दिन, हर पल, हर मन-क्षण में।
जय माँ ब्रह्मचारिणी
🙏🙏
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com