मां चंद्रघंटा
✍️ डॉ. रवि शंकर मिश्र "राकेश"मां चंद्रघंटा का रूप निराला,
शांति, शक्ति, और प्रेम की माला।
माथे पर अर्धचंद्र सुहाए,
सिंह पर बैठी, संकट भगाए।
त्रिनेत्रों में तेज है भारी,
दश भुजाओं में शक्ति सारी।
घंटे की ध्वनि करे उद्घोष,
भय को हर ले, करे संतोष।
स्वर्ण ज्यों दमकती काय,
शत्रु भी देखे, घबरा जाए।
करुणा से भरी हैं आंखें,
मुक्त करें हर जन्म की पांखें।
जो भी शरण में इनके आए,
दुख-दर्द सभी दूर हो जाए।
वीरता का पाठ पढ़ाती,
धर्म की राह पर चलना सिखाती।
चंद्रघंटा मां, कृपा बरसाओ,
भक्तों के मन को शांत बनाओ।
दुष्टों का विनाश जो करती,
शक्ति की साक्षात मूर्ति धरती।
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🙏🙏जय मां चंद्रघंटा
🙏🙏मां के तीसरे रूप देवी चंद्रघंटा सभी का कल्याण करें।
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