नवरात के आज तीसर दिन ,
तीसर रूप देख लीं माई के ।तीसर रूप में चंद्रघंटा विराजे ,
भागे प्रेत घंटा ध्वनि पाईके ।।
रउए विख्यात हईं माई दुर्गा ,
अम्बिका भवानी अहाईले ।
नवरातर में त रउए माई ,
नया रूप नौ गो देखाईले ।।
हर देवी रूप रउए विराजीं ,
हर रूप भूमिका निभाईले ।
वीरनो में वीरांगना बनके ,
अझुराईल काम सझुराईले ।।
चंद्रघंटा के रूप में माई ,
युद्धोन्मुखी रउआ बन जाईले ।
विकराल रूप बनाके माई ,
आपन दुलरुआ भक्त बचाईले ।।
जगवा में नाम बड़ा बाटे राउर ,
भक्तन पे बड़ किरपा बरखाईले ।
अरुण दिव्यांश किरपा बरखाईं ,
यश कीर्ति सब रउए फईलाईले ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com