'ओजस्विनी' एवं 'राष्ट्रीय महिला परिषद' ने किया 'मातृशक्ति आराधना एवं डांडिया नृत्य समारोह' का आयोजन।

- नारी के विविध कल्याणकारी रूपों के प्रति सम्मान भाव रखने की प्रेरणा देती है नवरात्रि
- नारी तू नारायणी, तू जग का आधार। तू गौरी, तू ही रमा, तुझसे यह संसार।।
गया जी। युवतियों की समृद्धि, सुरक्षा, स्वास्थ्य और स्वावलंबन के हितार्थ कार्यरत अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद की महिला शाखा 'ओजस्विनी' एवं 'राष्ट्रीय महिला परिषद' के संयुक्त तत्वावधान में महापर्व नवरात्रि के सुअवसर पर हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी महासप्तमी के दिन 'मातृशक्ति आराधना एवं डांडिया नृत्य समारोह' का आयोजन ओजस्विनी की गया जिला अध्यक्ष डॉ (प्रो) रश्मि प्रियदर्शनी एवं राष्ट्रीय महिला परिषद की संरक्षक रजनी त्यागी के नेतृत्व में किया गया। विष्णुपद मंदिर के निकट अवस्थित नेपाली आश्रम में समारोह का शुभारंभ देवी नवदुर्गा के छायाचित्र पर पुष्पांजलि एवं माल्यार्पण के साथ हुआ। मंत्रोच्चारण एवं शस्त्र पूजन के उपरांत सम्मिलित रूप से देवी की आराधना व आरती की। आयोजन स्थल "अंबे तू है जगदंबे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गाये भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती" भजन की पावन धुन से गूंज उठा। दीप प्रज्ज्वलन के उपरांत जिलामंत्री अमीषा भारती, महामंत्री शिल्पा साहनी, अनुराधा कुमारी, बरखा देवी, प्रिया कुमारी, शीतल कुमारी एवं अन्य सदस्यों ने "ओ शेरो वाली बिगड़े बना दे सबके काम", "अयि गिरि नन्दिनी नन्दिती मेदिनि, विश्व विनोदिनी नन्दिनुते, ढोलीरा" जैसे भक्ति भाव से भरे गीतों पर डांडिया नृत्य किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के जिला अध्यक्ष शिव लाल टइया तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में अहिप के विभाग महामंत्री राम बारीक की उपस्थिति रही। दोनों अतिथियों ने अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद की ओर से सभी बहनों को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ रश्मि ने कहा कि नवरात्रि हमें नारीशक्ति के विविध कल्याणकारी रूपों के प्रति सम्मान भाव रखने की प्रेरणा देती है। महिलाओं के लिए उचित है कि वे स्वयं को नकारात्मक भावों से दूर रखें। अपने भीतर निहित नवदुर्गा की शक्तियों को जानें, पहचानें और समय आने पर उन क्षमताओं को उपयोग में लायें। महिलाओं को निर्भय होकर परिवार, देश और समस्त वसुधा के हित में मिलजुलकर कार्य करने की आवश्यकता है। ओजस्विनी अध्यक्षा ने कहा कि "नारी तू नारायणी, तू जग का आधार। तू गौरी, तू ही रमा, तुझसे यह संसार। तुझसे यह संसार, शारदा की तू छवि है। जीवन है यदि यज्ञ, यज्ञ की तू ही हवि है। तू सुखदा, तू प्रेम, जगत की तू महतारी। करे सृष्टि का क्षेम, नमन है तुझको नारी।" रजनी त्यागी ने नवरात्रि को शक्ति की आराधना का अवसर बताया, तो सुश्री अमीषा ने विजयादशमी को बुराई पर अच्छाई की विजय का उत्सव बतलाया। अनुराधा ने कहा नवरात्रि हमें आत्मसंयम, अनुशासन, प्रेम, त्याग, समर्पण और भक्ति का संदेश देती है। ओजस्विनी अध्यक्षा एवं राष्ट्रीय महिला परिषद की संरक्षक ने कार्यक्रम को सफल बनाने में संलग्न ओजस्विनी की राष्ट्रीय अध्यक्ष रजनी ठुकराल, राष्ट्रीय बजरंग दल के प्रांत महामंत्री शशिकांत मिश्र, राम बारिक, शिव लाल टइया सहित सभी सहयोगियों के प्रति आभार जताया।
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