श्री रानी सती दादी की महिमा अपरंपार
कुमार महेन्द्रवीर प्रसूता धरा झुंझुनूं उत्संग,
शोभित मां सती पावन धाम ।
भाद्रपद अमावस्या परम बेला,
वार्षिक पूजन स्तुति अभिराम ।
लोक हिय धर्म आस्था हिलोर,
सर्वत्र मातृ कृपा वृष्टि अपार ।
श्री रानी सती दादी की महिमा अपरंपार ।।
प्रबुद्ध प्रवासी स्थानीय जन,
पुनीत दर्शन संग भाव विभोर ।
अंतःकरण दादी गौरव गाथा,
अलौकिक स्पंदन चारों ओर ।
लोकरंग छटा अति मनोरम,
घट घट नारायणी स्नेह दुलार ।
श्री रानी सती दादी की महिमा अपरंपार ।।
छह दिसंबर बारह सौ पिच्चानवें,
श्री सतीत्व दिव्य भव्य उपमा ।
आन बान शान अभिरक्षा हित,
अप्रतिम साहस शौर्य अनुपमा ।
महाभारत काल कृष्ण वरस्थ,
अर्धांगिनी धर्म वंदना साकार ।
श्री रानी सती दादी की महिमा अपरंपार ।।
अनूप ग्रामीण शहरी मिश्रित आभा,
रग रग उत्साह उमंग उल्लास ।
शुभ मंगल वार्षिकी आराधना,
उरस्थ मां प्रेरणा पुंज इतिहास ।
अशेष नमन दादी जीवन वृत्त,
कमल प्रतिष्ठा संस्कृति संस्कार ।
श्री रानी सती दादी की महिमा अपरंपार ।।
कुमार महेन्द्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com