चन्दामामा से अपना रिश्ता, है पहले का,
वेद पुराण ग्रंथों में लिखा, सब पहले का।ऋषि मुनि सब मिलते थे, पहले चंदा से,
सभी शास्त्रों में क़िस्सा, लिखा पहले का।
बचपन से सुनते आये, चन्दा तो मामा है,
नानी के घर माँ का अक्सर आना जाना है।
कान्हा रूठे चाँद माँगते, पानी मे दिखलाती,
दूध कटोरी दिखा, कान्हा को समझाना है।
तुलना कभी प्रेयसी की, चाँद से होती,
लाल को अपने माँ, चन्दा सा कहती।
पत्नी भी तो चाँद देखकर,पति को चाहे,
करवाचौथ मनाती, चाँद देख व्रत खोलती।
अब मामा के घर आना जाना बढ़ जायेगा,
शुरू यान अभियान, जाना सरल हो जायेगा।
नाना की सम्पत्ति में हिस्सा माँ का भी होता,
धरा का क़ानून गगन में, लागू हो जायेगा।
डॉ अ कीर्ति वर्द्धन
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