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पहला और आखिरी ग्रहण

पहला और आखिरी ग्रहण

मार्कण्डेय शारदेयः
2025 में सूर्य-चन्द्रग्रहणों को देखें तो इस प्रकार हैं-
पहला चन्द्रग्रहण- इस बार दिनांक 13-14 मार्च को पहला चन्द्रग्रहण हुआ, जो भारत में दृश्य नहीं रहा।
दूसरा चन्द्रग्रहण 07 सितम्बर (रविवार) को होगा, जो भारत में दृश्य होगा।यह खग्रास-चन्द्रग्रहण भादो पूर्णिमा को रात्रि 9.57 से 1.27 तक रहेगा।
सूर्यग्रहण- इस बार पहला सूर्यग्रहण 29 मार्च को हुआ, जो भारत में दृश्य नहीं रहा।
दूसरा सूर्यग्रहण आश्विन अमावस्या, 21 सितम्बर (रविवार) को होगा।यह भी भारत में दृश्य नहीं होगा।
आशय यह की एकमात्र 07 सितम्बर को होनेवाला चन्द्रग्रहण ही भारत में दृश्य होगा।
जो ग्रहण हमारे देश में दृश्य नहीं होते, उनपर विचार नहीं किया जाता।चन्द्र-ग्रहण में ग्रहणकाल से 9 घंटा पहले से तथा सूर्यग्रहण में 12 घंटा पहले से सूतककाल माना जाता है।सूतक में पूजा-पाठ व प्रतिमाओं का स्पर्श वर्जित रहता है।बाल, वृद्ध और रोगी को छोड़ अन्य किसी को ग्रहण में खाना-पीना भी मना रहता है।
शास्त्रों की मान्यता है कि जो ग्रहणकाल में स्नान नहीं करता, वह अगले ग्रहण तक सूतक में रहता है, अशुद्ध रहता है।अतः जो स्नान करने में असमर्थ हैं व अधिक रात अथवा ठंड का मौसम हो तो कम-से-कम अपने पर गंगाजल छींट लेना चाहिए और कुछ दान कर देना चाहिए।ग्रहणकाल में दो स्नान होते हैं, एक तो ग्रहण होने पर तथा दूसरा ग्रहण समाप्त होने के तत्काल बाद।ग्रहणकाल का दान सफाईकर्मियों को तथा समाप्तिकाल का दान ब्राह्मणों को दिया जाता है।
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