संगठित होकर यूट्यूबर संदीप देव के खिलाफ़ कानूनी कार्रवाई में उतरे शाकद्वीपी ब्राह्मण समाज: गिरीन्द्र मोहन मिश्र का आह्वान
पटना। शाकद्वीपी ब्राह्मण संसद के संस्थापक गिरीन्द्र मोहन मिश्र ने अपने समाज से आह्वान किया है कि सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा के लिए अब केवल शब्दों से नहीं, बल्कि कानूनी कार्रवाई के माध्यम से जवाब देने का समय आ गया है। उन्होंने विशेष रूप से यूट्यूबर संदीप देव द्वारा किए गए बयानों को समाज की गरिमा के खिलाफ बताते हुए कहा कि अब चुप्पी तोड़नी होगी।
गिरीन्द्र मोहन मिश्र के अनुसार, संदीप देव ने अपने यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शाकद्वीपी ब्राह्मण समाज के बारे में आपत्तिजनक, भ्रामक और असत्य बातें फैलाई हैं, जिससे समाज की ऐतिहासिक प्रतिष्ठा और सांस्कृतिक पहचान को ठेस पहुँची है। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल व्यक्तिगत अपमान का नहीं, बल्कि पूरे समुदाय की गरिमा और अस्तित्व से जुड़ा हुआ है।
“हमारे पूर्वजों ने हजारों वर्षों से ज्ञान, सेवा, चिकित्सा, ज्योतिष और वेद-अध्ययन के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दिया है। हम सूर्योपासक हैं और हमारे मूल में सत्य, धर्म और मानवता की सेवा का भाव है। ऐसे में किसी भी व्यक्ति को यह अधिकार नहीं कि वह अपनी व्यक्तिगत लोकप्रियता या सनसनी के लिए हमारे समाज को बदनाम करे।” – गिरीन्द्र मोहन मिश्र
उन्होंने यह भी कहा कि केवल सोशल मीडिया पर विरोध जताना पर्याप्त नहीं है। अब समाज के लोग एक मंच पर आकर सबूत, वीडियो क्लिप और दस्तावेज इकट्ठा करें और एक मजबूत कानूनी केस दर्ज करवाएं, ताकि भविष्य में इस तरह की कोशिशें करने वालों के लिए यह एक उदाहरण बन सके।
संभावित कानूनी धाराएं और कार्रवाई
गिरीन्द्र मोहन मिश्र के अनुसार, इस मामले में आईपीसी की धारा 153ए (विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य फैलाना), धारा 295ए (धार्मिक भावनाएं आहत करना), धारा 500 (मानहानि), तथा आईटी एक्ट की धारा 66 और 67 (ऑनलाइन आपत्तिजनक सामग्री का प्रसार) के तहत मामला दर्ज हो सकता है। इसके लिए वकीलों की टीम जल्द ही तैयार की जाएगी और जिला स्तर पर शिकायतें दर्ज कराई जाएंगी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह कानूनी लड़ाई केवल एक राज्य या शहर तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसे राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट मोर्चा बनाकर लड़ा जाएगा, जिसमें हर प्रदेश के समाजिक प्रतिनिधि शामिल होंगे।
शाकद्वीपी ब्राह्मण समाज की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
शाकद्वीपी ब्राह्मण, जिन्हें सूर्योपासक ब्राह्मण भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। प्राचीन ग्रंथों और पुराणों में वर्णित है कि ये लोग ‘शाकद्वीप’ नामक द्वीप से भारत आए और यहां आर्यावर्त की सभ्यता, चिकित्सा (आयुर्वेद), ज्योतिष, यज्ञ-परंपरा और मंदिर-सेवा में अमूल्य योगदान दिया। बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में इनकी बड़ी आबादी है।
इतिहास में यह समाज सूर्य मंदिरों के पुजारी, आयुर्वेदाचार्य और खगोलविद के रूप में जाना जाता है। ओडिशा का प्रसिद्ध कोणार्क सूर्य मंदिर और बिहार का देव सूर्य मंदिर इनकी सेवा और आस्था के केंद्र रहे हैं। ऐसे में किसी भी प्रकार का अपमान, न केवल इनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करता है, बल्कि सदियों से चले आ रहे गौरवशाली इतिहास को भी कलंकित करता है।
समाज में बढ़ती एकजुटता
गिरीन्द्र मोहन मिश्र के इस बयान के बाद, देशभर से शाकद्वीपी ब्राह्मण समाज के लोग सोशल मीडिया पर समर्थन व्यक्त कर रहे हैं। कई युवाओं ने संदीप देव के आपत्तिजनक बयानों के वीडियो अंश साझा करते हुए कानूनी कार्रवाई के पक्ष में अपनी राय दी है।
अगले चरण में, इस अभियान को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से गति दी जाएगी, जिसमें पिटीशन, प्रेस कॉन्फ्रेंस और जन-जागरूकता कार्यक्रम शामिल होंगे।
गिरीन्द्र मोहन मिश्र ने अंत में कहा—
“यह लड़ाई केवल हमारी पीढ़ी के लिए नहीं, आने वाली पीढ़ियों के सम्मान और पहचान के लिए है। हम संगठित होंगे, कानूनी प्रक्रिया में उतरेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी समुदाय की गरिमा से खिलवाड़ करने की किसी की हिम्मत न हो।”
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