Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

रेशम की डोर, स्नेह प्रेम की भोर

रेशम की डोर, स्नेह प्रेम की भोर

अंतःकरण अनंत आह्लाद,
मनोरम उत्सविक परिवेश ।
शुभ मंगल सरित प्रवाह,
बहन बेटी घर द्वार प्रवेश ।
अभिवंदित पावन संस्कार,
संबंध पट अपनत्व सराबोर ।
रेशम की डोर,स्नेह प्रेम की भोर ।।


सनातन संस्कृति पटल,
मनहर परंपराएं शोभित ।
आत्मीयता शीर्ष स्पंदन,
रक्षा संकल्प भाव रोहित ।
परम आनंद अप्रतिम बेला,
हर्ष उमंग खुशियां चारों ओर ।
रेशम की डोर,स्नेह प्रेम की भोर ।।


भगिनी हृदय प्रस्फुटित,
भ्राता हित मंगल कामनाएं ।
सुख समृद्धि आरोग्य सेतु,
प्रति पल घट स्तुत भावनाएं ।
दृढ़ संकल्पित राह सहोदर,
प्रतिज्ञा रक्षा वचन निर्वहन छोर ।
रेशम की डोर,स्नेह प्रेम की भोर ।।


रक्षा बंधन पर्व अद्भुत अनुपम,
अंतर नारी सशक्ति सम्मान संदेश ।
देव लोक भी अति पुलकित,
दर्शन कर अथाह प्रीत धरा देश ।
बांध राखी शहीद मूर्तियों पर,
बहनें हर्षित गर्वित भाव विभोर ।
रेशम की डोर,स्नेह प्रेम की भोर ।।


कुमार महेंद्र(स्वरचित मौलिक रचना)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ