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बाॅंध बहना राखी

बाॅंध बहना राखी

बाॅंध बहना राखी तू कलाई में ,
अपना छोट बड़ भाई के ना ।
कब से इंतजार करे तोहर भाई ,
तोह बिन कबसे सूना बा कलाई ।
ध्यान रहे सावन पूर्णि माई में ,
आपन हिर्दा के हर्षाई के ना ।
बाॅंध बहना राखी ------------
नन्हीं प्यारी सी तू बहिना हमार ,
साल में आईल पावन त्यौहार ।
राखी बाॅंधs मुख मीठ कराई के ,
मुॅंह हरियाईल माई के ना ।
बाॅंध बहना राखी --------- ।।
आज हमनी के बा त्यौहार ,
उपहार कर ल तूहूॅं स्वीकार ।
कब से करीं इंतजार इठलाई के ,
प्यार में राखी के भरपाई से ना ।
बाॅंध बहना राखी -------- ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
छपरा ( सारण )बिहार ।
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