3 अगस्त को नवादा में हिंदुओं के धर्मांतरण को लेकर आर्य समाज भरेगा हुंकार

ग्रेटर नोएडा। यहां स्थित गांव लूकसर में आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुध नगर के आवाहन पर जनपद के वरिष्ठ आर्यजनों की एक विशेष सभा संपन्न हुई। जिसमें निर्णय लिया गया कि आगामी 3 अगस्त को गांव नवादा में हिंदुओं के धर्मांतरण को लेकर आर्य समाज एक नई कार्य योजना पर काम करते हुए हुंकार भरेगा।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर के अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार आर्य ने कहा कि इस समय सनातन के समक्ष उपस्थित समस्याओं में से सबसे बड़ी समस्या धर्मांतरण की है। जिसकी आड़ में हमारी बहन बेटियों को शिकार बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आर्य प्रतिनिधि सभा गौतम बुद्ध नगर ने सनातन के समक्ष उपस्थित इस भयंकर समस्या से निपटने और पूरे देश के लिए एक विमर्श बनाने के दृष्टिगत निर्णय लिया है कि आगामी 3 अगस्त को गांव नवादा में होने वाले आर्यों के महासम्मेलन में एक स्पष्ट रणनीति निर्धारित की जाए। जिसमें आर्य जगत के सुप्रसिद्ध संन्यासी स्वामी चेतन देव वैश्वानर जी के अतिरिक्त सुप्रसिद्ध भजनोपदेशक कुलदीप विद्यार्थी जी जैसे अनेक विद्वानों का मार्गदर्शन हमें मिलेगा।
उन्होंने कहा कि भारत को अपने गौरवपूर्ण अतीत से बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है। हमारे अनेक क्रांतिकारियों के इतिहास को दबा दिया गया है । जिनकी प्रेरक गाथा आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत हो सकती है। हमारे वेदों, उपनिषदों ,धर्म ग्रंथो को झूठ का परिंदा कहकर उन्हें अपमानित किया गया है। यदि आज धर्मांतरण जैसी भयंकर समस्या से हमें मुक्ति पानी है तो हमें स्वामी दयानंद जी महाराज के वेदों की ओर लौटो के संदेश को घर-घर तक पहुंचाने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त अपने वैदिक सनातन धर्म की वास्तविकता को भी आज की पीढ़ी के हृदय में उतारने की आवश्यकता है , तभी हम अपना अस्तित्व बचा पाएंगे।
इस अवसर पर ब्रह्मचारी आर्य सागर द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया।।उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत संस्कारों का देश है, ऋषि महर्षियों के द्वारा प्रणीत संस्कार प्रणाली भारत का ही नहीं सारे संसार का मार्गदर्शन करने में सक्षम है। आज हमको भारत के संस्कार आधारित विचार और विचारधारा को अपनाकर सारे संसार को सही मार्ग पर लाने के लिए एक बौद्धिक आंदोलन खड़ा करने की आवश्यकता है। इस नामकरण संस्कार का अनुष्ठान आचार्य राजदेव जी के ब्रह्मत्व में संपन्न किया गया। उन्होंने सत्य सनातन वैदिक संस्कृति के संस्कार संबंधी विचारों पर गहरा प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में प्राचार्य नरपत सिंह, प्रधान विजेंद्र सिंह आर्य, गजराज सिंह आर्य, मास्टर प्रताप सिंह आर्य, हेम सिंह आर्य, सतीश आर्य, सतीश नंबरदार, ब्रह्म सिंह आर्य , बलवीर सिंह आर्य महेंद्र सिंह आर्य आदि विद्वानों ने भी अपने विचार व्यक्त किये। श्री ब्रह्म सिंह आर्य के आवास पर उनके प्रपौत्र के नामकरण संस्कार के उपलक्ष्य में आयोजित इस विशेष सभा में बोलते हुए प्रधानाचार्य नरपत सिंह आर्य ने कहा कि आगामी 3 अगस्त को गांव नवादा में होने वाला यह कार्यक्रम अपने आप में ऐतिहासिक होगा। क्योंकि इस कार्यक्रम के माध्यम से आर्य समाज में एक नई चेतन फूंकने का कार्य किया जाएगा। जिसके लिए पूरी भव्यता से सारी तैयारियां संपन्न की जा रही हैं । इसी प्रकार श्री विजेंद्र सिंह आर्य ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आर्य समाज को ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए प्रत्येक आर्यजन को विशेष कार्य करने की आवश्यकता है। जिसके लिए किसी भी प्रकार का प्रमाद करना समय को खोने जैसा होगा।
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