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बिहार सरकार ने किया पत्रकार पेंशन में ऐतिहासिक वृद्धि - I.F.W.J. ने दिया हार्दिक धन्यवाद

बिहार सरकार ने किया पत्रकार पेंशन में ऐतिहासिक वृद्धि - I.F.W.J. ने दिया हार्दिक धन्यवाद

दिव्य रश्मि के उपसम्पादक जितेन्द्र कुमार सिन्हा की खबर |

बिहार सरकार द्वारा पत्रकारों की पेंशन में की गई ऐतिहासिक वृद्धि ने प्रदेश के मीडिया जगत में हर्ष की लहर दौड़ा दी है। इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (I.F.W.J.) ने इस निर्णय का गर्मजोशी से स्वागत किया है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को वरिष्ठ पत्रकारों के सम्मान और भविष्य सुरक्षा हेतु उठाए गए इस कदम के लिए हार्दिक धन्यवाद प्रकट किया है।

अब तक पत्रकारों को सेवानिवृत्ति के बाद ₹6,000 प्रतिमाह की सम्मान पेंशन मिलती थी, और उनके निधन के बाद उनके आश्रितों को ₹3,000 की राशि। लेकिन अब, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की संवेदनशील पहल के तहत यह राशि बढ़ाकर क्रमशः ₹15,000 और ₹10,000 कर दी गई है। यह फैसला बिहार के हजारों वरिष्ठ पत्रकारों और उनके परिवारों के लिए न केवल आर्थिक सहारा है, बल्कि एक बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला कदम भी है।


I.F.W.J. के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गोपाल मिश्रा, उपेंद्र सिंह राठौर, मोहन कुमार और महासचिव विपिन धूलिया ने एक संयुक्त बयान में इस फैसले की प्रशंसा की। संगठन की बिहार इकाई के अध्यक्ष प्रमोद दत्त, उपाध्यक्ष जितेन्द्र कुमार सिन्हा, मुकेश महान, आरती कुमारी, महासचिव सुधीर मधुकर, कोषाध्यक्ष महेश प्रसाद सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों ने भी इसे पत्रकार हित में साहसिक और ऐतिहासिक निर्णय बताया।


I.F.W.J. बीते वर्षों से लगातार पत्रकार पेंशन में वृद्धि की मांग कर रहा था। संगठन का कहना है कि जिन पत्रकारों ने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा निष्पक्ष पत्रकारिता में समर्पित किया, वे वृद्धावस्था में उपेक्षा का शिकार न हों। अब इस मांग को पूरा कर राज्य सरकार ने पत्रकारों के सम्मान और योगदान को उचित पहचान दी है।


बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना नियमावली-2019 के तहत वे पत्रकार पात्र होते हैं जो बिहार राज्य के निवासी हों या जिन्होंने बिहार में किसी मीडिया संस्थान में कम से कम 20 वर्षों तक सतत सेवा की हो। साथ ही आवेदक की आयु 60 वर्ष पूरी होनी चाहिए।
यह निर्णय न केवल बिहार में वरिष्ठ पत्रकारों की सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करता है, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकता है। पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और इस स्तंभ को मजबूती देने के लिए ऐसे निर्णय अत्यंत आवश्यक हैं।
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