Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

आदिशक्ति प्रेमनाथ खन्ना नाट्य महोत्सव के अंतर्गत भव्य कवि सम्मेलन आयोजित

आदिशक्ति प्रेमनाथ खन्ना नाट्य महोत्सव के अंतर्गत भव्य कवि सम्मेलन आयोजित

पटना। कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार के सौजन्य से आयोजित 10वें आदिशक्ति प्रेमनाथ खन्ना तीन दिवसीय नाट्य महोत्सव के दूसरे दिन दिनांक 28 जुलाई 2025 को प्रेमचंद रंगशाला में दोपहर 2 बजे से एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन ममता मेहरोत्रा, भगवती प्रसाद द्विवेदी, प्रेम किरण, ईश्वर चंद्र जायसवाल (उत्तर प्रदेश), डॉ. कुमार विरल, तथा डॉ. देव द्रव अकेला के कर-कमलों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।

कार्यक्रम का संयोजन एवं प्रभावशाली संचालन कवयित्री सविता राज द्वारा किया गया। कवि सम्मेलन की शुरुआत डॉ. मीना कुमारी परिहार की भावपूर्ण गणेश वंदना से हुई, जिसने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया।

इसके बाद मंच पर एक से बढ़कर एक कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया:


ममता मेहरोत्रा की पंक्तियाँ "दुनिया वाले क्या समझेंगे वाह के पीछे के ग़म को, किस-किस दुख से गुजरी ममता अपने शेर सुनाने को" ने भावनात्मक गहराई छूते हुए वाहवाही बटोरी।


सविता राज ने "होठों पर मुस्कान दिखानी पड़ती है, पीर हृदय की रोज़ छुपानी पड़ती है" सुनाकर तालियों की गूंज पाई।


ईश्वर चंद्र जायसवाल ने "नाग देव को पूजिये, लेकर उनका नाम, नागेश्वर की ले दया, कर ईश्वर शुभ काम" जैसी रचना से श्रोताओं को बांध दिया।


अंजनी कुमार पाठक की पंक्तियाँ "रिमझिम रिमझिम मेघा बरसे, पेड़ों पर हरियाली आये" ने श्रोताओं के मन को भिगो दिया।


डॉ. कुमारी अन्नू ने "पता नहीं कब किस पनघट पर भेंट किसी से हो जाए" कहकर आत्मीयता जगाई।


डॉ. कुमार विरल की रचना "मिट्टी की गंध लिए, पुरवाई छंद लिए, अकुलाए शब्दों के पांव, दौड़ रहे नगर डगर गाँव" ने साहित्यिक ऊंचाई को छुआ।


सुधांशु राज की पंक्तियाँ "सिक्का उछाल और देख, तेरी मेरी कितनी औकात बची है?" ने समकालीन विडंबना को सामने रखा।


अंशु कुमार ने "के आंखों को अंगार करो, हृदय को हथियार करो, लड़ना हो जो गिद्धों से तो पंजों को तैयार करो।" कहकर श्रोताओं में जोश भर दिया।

कविता पाठ करने वाले प्रमुख कवियों में ईश्वर चंद्र जायसवाल, भगवती प्रसाद द्विवेदी, प्रेम किरण, सौरभ प्रभात, डॉ. सुनील कुमार उपाध्याय, डॉ. कुमार विरल, अनुभव कुमार, डॉ. मीना कुमारी परिहार, मीरा श्रीवास्तव, डॉ. प्रतिभा रानी, शिवेंद्र मालवीय, विद्यापति चौधरी, सिद्धेश्वर, डॉ. विजय गुंजन, मुकुंद, राजप्रिया रानी, गोपाल फ़लक, आशा रघुदेव, कृष्णनंदन कनक, और डॉ. बिंदेश्वर प्रसाद गुप्ता की सक्रिय सहभागिता रही।

कार्यक्रम के अंत में अंजनी कुमार पाठक ने सभी उपस्थित अतिथियों, कवियों एवं श्रोताओं के प्रति आभार व्यक्त किया।

इस कवि सम्मेलन ने न केवल शब्दों की शक्ति को मंच पर उजागर किया, बल्कि साहित्यिक चेतना को भी नई दिशा देने का कार्य किया।



हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ